दो एक जैसी स्प्रिंग् $A$ व $B$ हैं। इनके बल नियतांक ${K_A}$ व ${K_B}$ इस प्रकार हैं कि ${K_A} > {K_B}$ इन्हें समान लम्बाई से खींचने के लिये आवश्यक कार्य होगा
स्प्रिंग् $A$ में अधिक
स्प्रिंग् $B$ में अधिक
दोनो में समान
कुछ नहीं कहा जा सकता
चित्र में दिखायी गई स्प्रिंगों के दोलन की आवृत्ति होगी
बराबर द्रव्यमान के दो पिण्ड $M$ तथा $N$ दो द्रव्यमानहीन स्प्रिंगों से अलग-अलग लटके हैं। स्प्रिंग के बल नियतांक क्रमश: ${k_1}$ तथा ${k_2}$ है। यदि दोनों पिण्ड ऊध्र्वाधर तल में इस प्रकार कम्पन करते हैं कि इनके अधिकतम वेग बराबर हैं, तब $M$ के कम्पन के आयाम का $N$ के साथ अनुपात है
समान द्रव्यमान $0.1\, kg$ वाली दो एक सामन गेंदे $A$ तथा $B$ दो एक समान एवं द्रव्यमान विहीन स्प्रिंगों से जुड़ी है। यह स्प्रिंग द्रव्यमान निकाय किसी दृढ़, चिकने वृत्तीय एवं क्षैतिज तल में स्थित पाइप में स्थित है जैसा कि दिखाया गया है। दोनों गेंदों के केन्द्र $0.06\, m$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूमते है। प्रत्येक स्प्रिंग की वास्तविक लम्बाई $0.06\pi\, m$ एवं स्प्रिंग नियतांक $0.1\,N/m$ हैं प्रारम्भ में दोनों गेंदें व्यास $PQ$ के सापेक्ष $\theta = \pi /6$ रेडियन कोण से विस्थपित की जाती है। मुक्त करने पर गेंद $B$ के दोलनों की आवृत्ति होगी
$m$ द्रव्यमान का पिण्ड, $k$ बल नियतांक वाली स्प्रिंग् पर आवर्तकाल $T$ के दोलन करता है। यदि स्प्रिंग् के दो बराबर भाग करके उन्हें समान्तर में चित्रानुसार जोड़कर उसी द्रव्यमान को फिर से दोलन कराए जाएँ तब आवर्तकाल होगा
$15\, g$ द्रव्यमान की एक गेंद एक स्प्रिंग वाली बंदूक से दागी जाती है। स्प्रिंग का स्प्रिंग नियतांक $600 \,N/m$ हैं। यदि स्प्रिंग $5 \,cm$ तक संपीडित होती है। तो गेंद के द्वारा प्राप्त अधिकतम क्षैतिज परास .... $m$ होगी ($g = 10\, m/S^{2}$)