$15\, g$ द्रव्यमान की एक गेंद एक स्प्रिंग वाली बंदूक से दागी जाती है। स्प्रिंग का स्प्रिंग नियतांक $600 \,N/m$ हैं। यदि स्प्रिंग $5 \,cm$ तक संपीडित होती है। तो गेंद के द्वारा प्राप्त अधिकतम क्षैतिज परास .... $m$ होगी ($g = 10\, m/S^{2}$)
$6.0$
$10.0$
$12.0$
$8.0$
एक स्प्रिंग $10$ न्यूटन के बल से $5$ से.मी. खिंची होती है। जब $2$ कि.ग्रा. द्रव्यमान को इससे लटकाया जाता है, तो दोलन का आवर्तकाल होता है : (सेकण्ड में)
एक $6.4\, N$ के बल द्वारा एक ऊध्र्वाधर स्प्रिंग की लम्बाई में $0.1 \,m$ की वृद्धि होती है। ऊध्र्वाधर स्प्रिंग से कितना .... $kg$ द्रव्यमान लटकाया जाये ताकि यह $\left( {\frac{\pi }{4}} \right)sec$ के आवर्तकाल से दोलन करे
एक $5 \;kg$ का द्रव्यमान एक स्प्रिंग से जुडा है। चित्र में सरल आवर्त गति करते निकाय की स्थितिज ऊर्जा वक्र दिखाया गया है। $4$ मीटर लम्बाई के सरल लोलक तथा स्प्रिंग निकाय के आवर्त काल समान हैं। जिस ग्रह पर यह प्रयोग किया जाता है, वहाँ गुरूत्वीय त्वरण का मान क्या है ?
एक स्प्रिंग का आवर्तकाल $T$ है। यदि इसे $n$ समान भागों में तोड़ दिया जाये तो प्रत्येक भाग का आवर्तकाल होगा
अभ्यास में, मान लीजिए जब कमानी अतानित अवस्था में है तब पिण्ड की स्थिति $x=0$ है तथा बाएँ से दाएँ की दिशा $x-$ अक्ष की धनात्मक दिशा है । दोलन करते पिण्ड के विस्थापन $x$ को समय के फलन के रूप मे दर्शाइए, जबकि विराम घड़ी को आरंभ $(t=0)$ करते समय पिण्ड,
$(a)$ अपनी माध्य स्थिति,
$(b)$ अधिकतम तानित स्थिति, तथा
$(c)$ अधिकतम संपीडन की स्थिति पर है ।
सरल आवर्त गति के लिए ये फलन एक दूसरे से आवृत्ति में, आयाम में अथवा आरंभिक कला में किस रूप में भिन्न हैं ?