दो लम्बे समान्तर चालक तार $S _1$ व $S _2$ एक-दूसरे से $10\,cm$ की दूरी पर रखे हुए है तथा उनमें क्रमश: $4 A$ व $2 A$ धारा प्रवाहित होती है। दोनों चालक $X - Y$ तल में रखे है। चित्रानुसार दोनों चालकों के मध्य एक बिन्दु $P$ रिथत है। एक $3 \pi$ कूलाम का आवेशित कण बिन्दु $P$ से $\overrightarrow{ v }=(2 \hat{ i }+3 \hat{ j }) m / s$; वेग से गुजरता है जहाँ $\hat{ i } \& \hat{ j }, x$ तथा $y$ अक्ष के अनुदिश इकाई सदिश को प्रदर्शित करते हैं। यदि आवेशित कण पर $4 \pi \times 10^{-5}(- x \hat{ i }+2 \hat{ j }) N$. बल कार्यरत है तो $x$ का मान होगा :
$2$
$1$
$3$
$-3$
एक प्रोटॉन पूँज एकसमान विघुत क्षेत्र में, क्षेत्र से $60^{\circ}$ के कोण पर चाल $4 \times 10^{5}\, ms$ से प्रवेश करता है। परिणामी हेलिकल पथ के पीच का सन्निकट मान है (प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.67 \times 10^{-27}\, kg$, प्रोटॉन का आवेश $\left.=1.69 \times 10^{-19} \,C \right)$
यदि आवेशित कण की गति की दिशा न तो चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में है और न ही उसके लम्बवत् तब इसका पथ होगा
समान आवेश के दो कण $\mathrm{X}$ तथा $\mathrm{Y}$ एकसमान विभवान्तर द्वारा त्वरित किये गये जाते है। इसके बाद यह एक समान चुम्बकीय क्षेत्र परिसर में लम्बवत प्रवेश करते है तंथा क्रमशः $\mathrm{R}_1$ व $\mathrm{R}_2$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ बनाते हैं। $\mathrm{X}$ तथा $\mathrm{Y}$ के द्रव्यमानों का अनुपात है:
एक कण, जिसका आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के समान है, $0.5\, T$ चुम्बकीय क्षेत्र में एक $0.5 \,cm$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर चलता है। यदि $100\, V / m$ का विधुत क्षेत्र लगाने पर यह कण एक सीधी रेखा में चलता है, तो कण का द्रव्यमान होगा :
(दिया है इलेक्ट्रॉन का आवेश $=1.6 \times 10^{-19} \,C$ )
एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन की गतिज ऊर्जायें समान हैं। ये दोनों चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं, तो