किसी स्थान पर $ g $ के मान में $2\%$ की कमी आ जाती है तो बेरोमीटर में पारे की ऊँचाई
$2\%$ बढ़ेगी
$2\% $ घटेगी
अपरिवर्तित रहेगी
कभी बढ़ेगी कभी घटेगी
$12^{\circ} \mathrm{C}$ तापमान पर $40 \mathrm{~m}$ गहरी झील की तली से $1 \mathrm{~cm}^3$ आयतन का एक वायु का बुलबुला उठता है। वायुमण्डलीय दाब $1 \times 10^5 \mathrm{~Pa}$, गुरुत्वीय त्वरण $\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ एवं पानी का घनत्व $1000 \mathrm{~kg} / \mathrm{m}^3$ है। पानी की सतह एवं $40 \mathrm{~m}$ की गहराई पर पानी के तापमान में कोई अन्तर नहीं है। जब वायु का बुलबुला सतह पर पहुँचता है तब इसका आयतन होगा:
चित्रानुसार, किसी प्रदर्शन में साइफन (Siphon) का प्रयोग होता है। साइफन में प्रवाहित द्रव का घनत्व $ 1.5 gm/cc $ है। बिन्दु $P $ व $S $ पर दाबों का अतंर होगा
$16\,cm ^2$ समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाले दो बेलनाकार बर्तनों में क्रमशः $100\,cm$ एवं $150\,cm$ ऊँचाई तक पानी भरा है। बर्तनों को आपस में इस प्रकार जोड़ दिया जाता है कि दोनों में पानी का स्तर समान हो जाए। इस प्रक्रम में गुरूत्व बल द्वारा किये गये कार्य का मान $........\,J$ होगा [माना, पानी का घनत्व $=10^3 kg / m ^3$ एवं $g =10 ms ^{-2}$ ]
चित्र $(a)$ में दर्शाए अनुसार कोई मैनोमीटर किसी बर्तन में भरी गैस के दाब का पाठ्यांक लेता है । पंप द्वारा कुछ गैस बाहर निकालने के पश्चात् मैनोमीटर चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार पाठ्यांक लेता है । मैनोमीटर में पारा भरा है तथा वायुमंडलीय दाब का मान $76 \,cm$ $(Hg)$ है ।
$(i)$ प्रकरणों $(a)$ तथा $(b)$ में बर्तन में भरी गैस के निरपेक्ष दाब तथा प्रमापी दाब $cm ( Hg )$ के मात्रक में लिखिए
$(ii)$ यदि मैनोमीटर की दाहिनी भुजा में $13.6\, cm$ ऊँचाई तक जल ( पारे के साथ अमिश्रणीय ) उड़ेल दिया जाए तो प्रकरण $(b)$ में स्तर में क्या परिवर्तन होगा ? (गैस के आयतन में हुए थोड़े परिवर्तन की उपेक्षा कीजिए ।)
एक असम्पीड्य (incompressible) द्रव को एक छिद्र वाले भार-रहित पिस्टन लगे पात्र में रखा गया है। चित्रानुसार, एक $0.1 mm$ त्रिज्या वाली केशनली को पिस्टन के वायुरोधी (airtight) छिद्र में से ऊर्ध्वाधर रखते हुए द्रव में डुबाया गया है। पिस्टन द्वारा पात्र की वायु का समतापीय संपीडन (isothermal compression) करने से आयतन $V_0$ से $\frac{100}{101} V_0$ हो जाता है। यदि वायु को आदर्श गैस मानें, तब द्रव के स्तर से ऊपर केशनली में द्रव की ऊँचाई $(h)$ का मान $cm$ में. . . . . . . . . .है।
[दिया है: द्रव का पृष्ठ तनाव $0.075 N m ^{-1}$ है, वायुमण्डलीय दाब $10^5 N m ^{-2}$ है, गुरुत्वीय त्वरण $(g) 10 m s ^{-2}$ है, द्रव का घनत्व $10^3 kg m ^{-3}$ है तथा केशनली की सतह का द्रव के साथ स्पर्श कोण (contact angle) शून्य है]