दोलन चुम्बकत्वमापी में लटकन तार में ऐंठन निकाल दी जाती है, इससे

  • A

    उसका आवर्तकाल कम हो जाता है

  • B

    उसका आवर्तकाल बढ़ जाता है

  • C

    चुम्बक स्वतंत्र कम्पन करते हैं

  • D

    कुछ निश्चित नहीं कह सकते हैं

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एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में  $25$ फेरे हैं, तथा इसकी त्रिज्या $ 15 \,cm$  है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $3 × 10^{-5}$ $T$ है। धारामापी में ${45^o}$ का विक्षेप उत्पन्न  करने के लिए आवश्यक धारा .....$A$ होगी

दो छड़ चुम्बकों की लम्बाई , चौड़ाई  और द्रव्यमान समान हैं परन्तु चुम्बकीय आघूर्ण क्रमश: $M$ और $2M$  हैं । इन्हें योग की स्थिति में दोलन चुम्बकत्वमापी में रखा जाता है तो आवर्तकाल $3$  सैकण्ड प्राप्त होता है । अन्तर की स्थिति में आवर्तकाल होगा

दो चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्णों की तुलना करने के लिये योगान्तर विधि एक उत्तम विधि है, क्योंकि

दोलन चुम्बकत्वमापी में योगांतर विधि में, आवर्तकाल अधिक रहता है, यदि         

क्षैतिज तल में रखे एक छोटे छड़ चुंबक का अक्ष, चुंबकीय उत्तर-दक्षिण दिशा के अनुदिश है संतुलन बिंदु चुंबक के अक्ष पर, इसके केंद्र से $14 \,cm$ दूर स्थित है। इस स्थान पर पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र $0.36\, G$ एवं नति कोण शून्य है। चुंबक के अभिलंब समद्विभाजक पर इसके केंद्र से उतनी ही दूर ( $14 \,cm$ ) स्थित किसी बिदु पर परिणामी चुंबकीय क्षेत्र क्या होगा?