दोलन चुम्बकत्वमापी में योगांतर विधि में, आवर्तकाल अधिक रहता है, यदि
दोनों चुम्बकों के समान ध्रुव एक ओर रहते हैं
दोनों चुम्बकों के विपरीत ध्रुव एक ओर रहते हैं
दोनों चुम्बक एक-दूसरे के लम्बवत् होते हैं
कुछ भी निश्चित नहीं कह सकते हैं
स्पर्शज्या धारामापी का प्रयोग किया जाता है
एक दोलन चुम्बकत्वमापी में दो चुम्बक एकसाथ रखे जाते हैं और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में दोलन करते हैं । एक जैसे ध्रुवों के साथ होने पर प्रति मिनट $12 $ दोलन होते हैं, परन्तु विपरीत ध्रुवों के एक साथ होने की स्थिति में केवल $4$ दोलन हो पाते हैं । चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात होगा
$M_A$ चुम्बकीय आघूर्ण वाले छड़ चुम्बक $A $ की दोलन आवृत्ति, $M_B $ चुम्बकीय आघूर्ण वाले छड़ चुम्बक $B$ की दोलन आवृत्ति से दुगनी है, तब
दो लघु चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्ण $ 27 : 8 $ के अनुपात में है, इन्हें जब विक्षेप चुम्बकत्वमापी की विपरीत भुजाओं पर रखते हैं तो कोई विक्षेप प्राप्त नहीं होता है। यदि दुर्बल चुम्बक की विक्षेप चुम्बकत्वमापी के केन्द्र से दूरी $0.12 \,m $ हो तो प्रबल चुम्बक की केन्द्र से ....$m$ दूरी है
चुम्बकीय याम्योत्तर में क्षैतिज रूप से लटकी छड़ चुम्बक के दोलनों का आवर्तकाल $T_0$ है यदि इस चुम्बक को एक अन्य समान आकार, समान ध्रुव सामथ्र्य लेकिन, दोगुने द्रव्यमान वाले चुम्बक से बदल दिया जाये तो नया आवर्तकाल होगा