दो समान्तर चालकों $A$ एवं $B$  में क्रमश: $10$ एवं $2$ ऐम्पियर की धारा विपरीत दिशा में बह रही है। चालक $A$ तथा चालक $B$ की लम्बाई $2$ मीटर है। यदि चालक $B$ की $A$ से दूरी $10\, cm$ है तो $B$ पर आरोपित बल का मान होगा

  • A

    $8 \times {10^{ - 5}}\,N$

  • B

    $4 \times {10^{ - 7}}\,N$

  • C

    $4 \times {10^{ - 5}}\,N$

  • D

    $4\pi \times {10^{ - 7}}\,N$

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दो तार $1$ व $2$ एक दूसरे के साथ चित्रानुसार $\theta $ कोण पर झुके हुए हैं एवं इनमें क्रमश: ${i_1}$ व ${i_2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं। तार $1$ से $r$ दूरी पर स्थित चालक $2$ के अल्पांश $dl$ पर लगने वाला बल (तार $1$ के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण) है

  • [AIEEE 2002]

$4\, cm$ त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली में $50$ फेरे हैं। उसमें $2 \,A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। इसे $0.1$ $weber/{m^2}$ के चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर संतुलन से $180^\circ $ घुमाने में किया गया कार्य ......$J$ होगा

चित्र में दर्शाये अनुसार, $0.45\,kg\,m ^{-1}$ के रेखीय घनत्व वाली एक धात्विक छड़, एक चिकने आनत तल पर क्षैतिज रूप से रखी हुई है, यह आनत तल क्षेतिज से $45^{\circ}$ का कोण बनाता है। जब इस पर $0.15\,T$ मान का चुम्बकीय क्षेत्र ऊर्ध्वाधर ऊपर की दिशा में कार्यरत है तो छड़ को स्थिर रखने के लिए इसमें प्रवाहित धारा का आवश्यक न्यूनतम मान $........\,A$ होगा : \{दिया है $\left.g =10 m / s ^2\right\}$

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$4.0 \mu \mathrm{C}$ का एक आवेश $(2 \hat{\mathrm{k}}) \mathrm{T}$ की तीव्रता के एक चुंबकीय क्षेत्र $\vec{B}$ के अन्तर्गत $y$-अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश $4.0 \times 10^6$ मी./से. के वेग से गति कर रहा है। आवेश पर लगने वाला बल $x \hat{i} \mathrm{~N}$ है। $x$ का मान . . . . . .है।

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समकोण समद्विबाहु त्रिभुज के आकार के एक बन्द पाश $ABC$ में विधुत धारा प्रवाहित हो रही है। इसे किसी एकसमान $AB$ दिशा के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि भुजा $BC$ पर चुम्बकीय बल $\overrightarrow{ F }$ हो तब भुजा $AC$ पर बल होगा :

  • [AIPMT 2011]