चित्र में दर्शाये अनुसार, $0.45\,kg\,m ^{-1}$ के रेखीय घनत्व वाली एक धात्विक छड़, एक चिकने आनत तल पर क्षैतिज रूप से रखी हुई है, यह आनत तल क्षेतिज से $45^{\circ}$ का कोण बनाता है। जब इस पर $0.15\,T$ मान का चुम्बकीय क्षेत्र ऊर्ध्वाधर ऊपर की दिशा में कार्यरत है तो छड़ को स्थिर रखने के लिए इसमें प्रवाहित धारा का आवश्यक न्यूनतम मान $........\,A$ होगा : \{दिया है $\left.g =10 m / s ^2\right\}$
$30$
$15$
$10$
$3$
दो लम्बे, समान्तर, ताँबे के तारों में $5\, A$ की धारा विपरीत दिशाओं में बह रही है। यदि तार एक दूसरे से $0.5$ मीटर के अन्तराल पर स्थित है तब इनके बीच बल है
एक सीधे धारावाही चालक में $5A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। एक इलेक्ट्रॉन चालक के समान्तर $0.1$ मीटर की दूरी पर $5 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ की चाल से गति कर रहा है, इस पर लगने वाला बल है
$L$ लम्बाई के तार की किसी भी आकृति की बंद कुण्डली में $I$ ऐम्पियर धारा प्रवाहित होती है। यदि कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र $\mathop B\limits^ \to $ के लम्बवत् हो तो कुण्डली पर बल लगेगा
दो बहुत लम्बे, सरल रेखीय, समानान्तर चालक $A$ एवं $B$ एकदूसरे से $10\,cm$ की दूरी पर रखे हैं, जिनमें क्रमशः $5\,A$ एवं $10\,A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। दोनों चालकों में धारा की दिशा समान है। चालकों के बीच प्रति इकाई लम्बाई पर लगने वाला बल है :$\left(\mu_0=4 \pi \times 10^{-7}\right.$ $SI$ मात्रक)
दो लम्बे, सीधे, समान्तर तारों के बीच की दूरी $d$ है। इनसे $I _{1}$ तथा $I _{2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं ( जिनके मान समायोजित किये जा सकते हैं) यदि इन तारों के बीच प्रतिकर्षण होने पर इनके बीच बल $' F '$ को 'धनात्मक' तथा इन के बीच आकर्षण होने पर बल $F$ को ऋणात्मक माना जाय तो, $I _{1}$ तथा $I _{2}$ के गुणनफल $\left( I _{1} I _{2}\right)$ पर ' $F ^{\text {' }}$ के निर्भर होने को कौन सा ग्राफ ठीक (सही) दर्शाता है ?