पार्थिव चुम्बकत्व का ऊध्र्व घटक उस स्थान पर शून्य होता है, जहाँ नति कोण ......$^o$ होता है
$0$
$45$
$60$
$90$
एक चुंबकीय सुई जो क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है, $30$ फेरों एवं $12 \,cm$ त्रिज्या वाली एक कुंडली के केंद्र पर रखी है। कुंडली एक ऊर्ध्वांधर तल में है और चुंबकीय याम्योत्तर से $45^{\circ}$ का कोण बनाती है। जब कुंडली में $0.35\, A$ धारा प्रवाहित होती है, चुंबकीय सुई पश्चिम से पूर्व की ओर संकेत करती है।
$(a)$ इस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज अवयव का मान ज्ञात कीजिए।
$(b)$ कुंडली में धारा की दिशा उलट दी जाती है और इसको अपनी ऊर्ध्वाधर अक्ष पर वामावर्त दिशा में ( ऊपर से देखने पर) $90^{\circ}$ के कोण पर घुमा दिया जाता है। चुंबकीय सुई किस दिशा में ठहरेगी? इस स्थान पर चुंबकीय दिक्पात शून्य लीजिए।
एक निश्चित स्थान पर नमन कोण का मान $ 30°$ एवं पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $ 0.50 $ ऑरस्टेड है। पृृथ्वी का कुल चुम्बकीय क्षेत्र है
किसी स्थान पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का ऊध्र्वाधर घटक से $\sqrt 3 $ गुना है, तो उस स्थान पर नमन कोण.......$^o$ होगा
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक ${B_0}$ और ऊध्र्वाधर घटक ${V_0}$ परिमाण में बराबर हैं। उस स्थान पर संपूर्ण तीव्रता का मान होगा
एक धारावाही कुण्डली का अक्ष $N-S $ दिशा के लम्बव्त है। माना पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $H_o $ एवं लूप के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र $H $ है। यदि लूप के अन्दर एक चुम्बक को लटकाया जाये और यह $H $ से $\theta $ कोण बनाते हुये संतुलित हो, तब $\theta $$=$