एक चुंबकीय सुई जो क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है, $30$ फेरों एवं $12 \,cm$ त्रिज्या वाली एक कुंडली के केंद्र पर रखी है। कुंडली एक ऊर्ध्वांधर तल में है और चुंबकीय याम्योत्तर से $45^{\circ}$ का कोण बनाती है। जब कुंडली में $0.35\, A$ धारा प्रवाहित होती है, चुंबकीय सुई पश्चिम से पूर्व की ओर संकेत करती है।
$(a)$ इस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज अवयव का मान ज्ञात कीजिए।
$(b)$ कुंडली में धारा की दिशा उलट दी जाती है और इसको अपनी ऊर्ध्वाधर अक्ष पर वामावर्त दिशा में ( ऊपर से देखने पर) $90^{\circ}$ के कोण पर घुमा दिया जाता है। चुंबकीय सुई किस दिशा में ठहरेगी? इस स्थान पर चुंबकीय दिक्पात शून्य लीजिए।
Number of turns in the circular coil, $N=30$
Radius of the circular coil, $r=12 \,cm =0.12 \,m$
Current in the coil, $I=0.35 \,A$
Angle of dip, $\delta=45^{\circ}$
$(a)$ The magnetic field due to current $I$, at a distance $r,$ is given as:
$B=\frac{\mu_{0} 2 \pi N T}{4 \pi r}$
Where,
$\mu_{0}=$ Permeability of free space $=4 \pi \times 10^{-7}\, T\,m \,A ^{-1}$
$\therefore B=\frac{4 \pi \times 10^{-7} \times 2 \pi \times 30 \times 0.35}{4 \pi \times 0.12}$
$=5.49 \times 10^{-5} \,T$
The compass needle points from West to East. Hence, the horizontal component of earth's magnetic field is given as
$B_{H}=B \sin \delta$
$=5.49 \times 10^{-5} \sin 45^{\circ}=3.88 \times 10^{-5} \,T =0.388 \,G$
$(b)$ When the current in the coil is reversed and the coil is rotated about its vertical axis by an angle of $90^{\circ},$ the needle will reverse its original direction. In this case, the needle will point from East to West.
एक दिकसूचक की सुई पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुव पर कौनसी दिशा व्यक्त करेगी
किसी स्थान पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का ऊध्र्वाधर घटक से $\sqrt 3 $ गुना है, तो उस स्थान पर नमन कोण.......$^o$ होगा
एक दिये हुये स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक का मान $0.36 \times {10^{ - 4}}$ वेबर/ मी${^{2}}$ है। यदि इस स्थान पर नति कोण $ 60° $ है, तो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के ऊध्र्वाधर घटक का मान वेबर/मी${^{2}}$ में लगभग ........$\times 10^{-4}\;W b / m^{2}$ है
भू-चुम्बक का उत्तरी ध्रुव किसके नजदीक होता है भौगोलिक
एक ऊध्र्वाधर धारावाही वृत्तीय कुण्डली के केन्द्र पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है अत: कुण्डली के तल एवं चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच कोण .....$^o$ होगा