एक धारावाही कुण्डली का अक्ष $N-S $ दिशा के लम्बव्त है। माना पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $H_o $ एवं लूप के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र $H $ है। यदि लूप के अन्दर एक चुम्बक को लटकाया जाये और यह $H $ से $\theta $ कोण बनाते हुये संतुलित हो, तब $\theta $$=$
${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{{{H_0}}}{H}} \right)$
${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{H}{{{H_0}}}} \right)$
$cosec^{ - 1}\left( {\frac{H}{{{H_0}}}} \right)$
${\cot ^{ - 1}}\left( {\frac{{{H_0}}}{H}} \right)$
किसी स्थान पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का ऊध्र्वाधर घटक से $\sqrt 3 $ गुना है, तो उस स्थान पर नमन कोण.......$^o$ होगा
एक नति सुई किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर में नतिकोण $\theta$ दर्शाता है। यदि नतिवृत्त को क्षैतिज तल में $x$ कोण से घुमा दिया जाये तो नति कोण $\theta '$ प्राप्त होता है $\frac{{\tan \theta '}}{{\tan \theta }}$ का मान होगा
दो स्थानों पर नमन कोणों का मान क्रमशः $45^{\circ}$ तथा $30^{\circ}$ है। इन स्थानों पर एक चुम्बकीय सुई एक मिनट में क्रमशः $30$ तथा $40$ दोलन करती है। यदि, इन दो स्थानों पर पृथ्वी के कुल चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता क्रमशः $B_{1}$ तथा $B_{2}$ हैं तो, अनुपात $B_{1} / B_{2}$ का निकटतम मान होगा।
किन्हीं दो स्थानों के नमन कोण क्रमश: $30° $ तथा $45° $ हों, तो उन स्थानों पर पृथ्वी के चुम्बकत्व के क्षैतिज घटकों का अनुपात होगा
एक दिये हुये स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक का मान $0.36 \times {10^{ - 4}}$ वेबर/ मी${^{2}}$ है। यदि इस स्थान पर नति कोण $ 60° $ है, तो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के ऊध्र्वाधर घटक का मान वेबर/मी${^{2}}$ में लगभग ........$\times 10^{-4}\;W b / m^{2}$ है