किसी त्रिभुज की तीन भुजाओं को व्यास मानकर खींचे गये वृत्तों का मूलकेन्द्र त्रिभुज का होगा
लम्बकेन्द्र
परिकेन्द्र
अन्त:केन्द्र
केन्द्रक
वृत्त ${x^2} + {y^2} + 16x - 24y + 183 = 0$ का दर्पण रेखा $4x + 7y + 13 = 0$ से प्रतिबिम्ब है
${x^2} + {y^2} + 2gx + c = 0$, ($c < 0$ के लिये) द्वारा समाक्ष वृत्त का निकाय प्रस्तुत करता है
उस वृत्त का समीकरण जिसके अभिलम्ब ${x^2} + 2xy + 3x + 6y = 0$ हैं एवं इसका आकार इतना है कि यह $x(x - 4) + y(y - 3) = 0$ को ठीक अन्दर रखता है, होगा
यदि दो वृत्त $2{x^2} + 2{y^2} - 3x + 6y + k = 0$ तथा ${x^2} + {y^2} - 4x + 10y + 16 = 0$ एक दूसरे को लम्बवत् काटते हैं, तब $k$ का मान है
वृत्तों ${x^2} + {y^2} - 6x - 6y + 10 = 0$ तथा ${x^2} + {y^2} = 2$ का स्पर्श बिन्दु है