पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर परिक्रमण कक्ष की माध्य त्रिज्या $1.5 \times {10^{11}}$ मीटर है। बुध की सूर्य के चारों ओर परिक्रमण कक्ष की माध्य त्रिज्या $6 \times {10^{10}}\,$ मीटर है। बुध सूर्य का चक्कर लगायेगा
एक वर्ष में
लगभग चार वर्ष में
लगभग $\frac{1}{4}$ वर्ष में
$2.5$ वर्ष में
पृथ्वी के चारो ओर दी गयी कक्षा में चक्कर लगाने वाले एक उपग्रह का आवर्तकाल $7$ घण्टे है। यदि कक्षा की त्रिज्या इसके पूर्व मान से तीन गुना बढ़ा दी जाए तो उपग्रह का नया आवर्तकाल लगभग $.................hours$ होगा।
कौनसी राशि का मान उपग्रह की कक्षीय त्रिज्या पर निर्भर नहीं करता है
सूचि$-I$ का सूचि$-II$ के साथ मिलन करे:
$(a)$ गुरुत्वीय स्थिरांक$(G)$ | $(i)$ $\left[ L ^{2} T ^{-2}\right]$ |
$(b)$ गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा | $(ii)$ $\left[ M ^{-1} L ^{3} T ^{-2}\right]$ |
$(c)$ गुरुत्वीय विभव | $(iii)$ $\left[ LT ^{-2}\right]$ |
$(d)$ गुरुत्वीय तीव्रता | $(iv)$ $\left[ ML ^{2} T ^{-2}\right]$ |
निचे दीए गए विक्ल्पो में सही उतर चुने:
ग्रहीय गति में किसी ग्रह के स्थिति सदिश का क्षेत्रीय वेग $dA/dt$, कोणीय वेग $\omega $ तथा ग्रह की सूर्य से दूरी $r$ पर निर्भर करता है। क्षेत्रीय वेग के लिये सही संबंध होगा
सूर्य के परित: दो ग्रह प्रतिवर्ष ${N_1}$ तथा ${N_2}$ चक्कर लगाते हैं। यदि इनकी कक्षाओं की औसत त्रिज्यायें क्रमश: ${R_1}$ तथा ${R_2}$ हों, तो ${R_1}/{R_2}$ बराबर होगा