पृथ्वी के चारो ओर दी गयी कक्षा में चक्कर लगाने वाले एक उपग्रह का आवर्तकाल $7$ घण्टे है। यदि कक्षा की त्रिज्या इसके पूर्व मान से तीन गुना बढ़ा दी जाए तो उपग्रह का नया आवर्तकाल लगभग $.................hours$ होगा।
$40$
$36$
$30$
$25$
कोई भूस्थैतिक उपग्रह किसी स्वेच्छ ग्रह ' $P$ ' के पष्ठ से $11 R$ की ऊँचाई, यहाँ $R$ ग्रह $P$ की त्रिज्या है, पर कक्षा में ग्रह $P$ की परिक्रमा कर रहा है। ग्रह $P$ के पष्ठ से $2 R$ की ऊँचाई पर, कक्षा में ग्रह $P$ की परिक्रमा करने वाले, किसी अन्य उपग्रह का घन्टों में आवर्तकाल होगा $......\,P$ का आवर्तकाल $24$ घंटे है।
प्रत्येक ग्रह सूर्य के परितः दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में गति करता है।
$A.$ ग्रह पर लगने वाला बल सूर्य से दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
$B.$ ग्रह पर लगने वाला बल ग्रह तथा सूर्य के द्रव्यमानों के गुणनफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
$C.$ ग्रह पर कार्यरत अभिकेन्द्रीय बल की दिशा सूर्य से बाहर की ओर होती है।
$D.$ सूर्य के परितः ग्रह के परिक्रमण काल का वर्ग दीर्घवृत्ताकार कक्षा के अर्द्ध दीर्घ अक्ष के घन के सीधे अनुक्रमानुपाती होता है।
नीचे दिए गए विकल्पों से सही उत्तर चुनिए विकल्प :
पृथ्वी के एक उपग्रह का परिक्रमण काल $5$ घण्टे है। यदि पृथ्वी तथा उपग्रह के बीच की दूरी प्रारम्भिक दूरी की चार गुनी कर दी जाये, तो नया परिक्रमण काल हो ........ घण्टे जायेगा
केप्लर के तृतीय नियम के अनुसार, सूर्य की परिक्रमा करते हुए किसी ग्रह का परिक्रमण काल $(T)$ सूर्य और उस ग्रह के बीच की औसत दुरी $r$ की तर्तीय घात के समानुपाती होता है।
अर्थात $T^2=K r^3$
जहाँ, $K$ एक स्थिरांक है
यदि सूर्य तथा ग्रह के द्रव्यमान क्रमश: $M$ तथा $m$ है तो न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार इसके बीच गुरुत्वाकर्षण बल का मान $F =G M \frac{m}{r^2}$, होता है। जहाँ $G$ गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है, तो $G$ तथा $K$ के बीच संबंध है