एक इलेक्ट्रॉन नियत चाल $v$ से वृत्तीय कक्षा में गति करता है। यह वृत्त के केन्द्र पर $B$ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। वृत्त की त्रिज्या अनुक्रमानुपाती है
$\frac{B}{v}$ के
$\frac{v}{R}$ के
$\sqrt {\frac{v}{B}} $ के
$\sqrt {\frac{B}{v}} $ के
एक धारा लूप $A B C D$ कागज के तल पर स्थिर रखा गया है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। लूप के चाप $B C$ (त्रिज्या $= b$ ) और चाप $D A($ त्रिज्या $=a$ ) को दो सीधे तारों $A B$ और $C D$ से जोड़ा जाता है। लूप में एक स्थिर धारा $I$ प्रवाहित हो रही है। $A B$ और $C D$ द्वारा मूल बिन्दु $O$ पर बना कोण $30^{\circ}$ है। एक अन्य सीधा पतला तार, जिसमें कागज़ के तल से बाहर स्थिर धारा $I_{1}$ प्रवाहित हो रही है, मूल बिन्दु पर रखा गया है।
लूप $A B C D$ के कारण मूलबिन्दु $(O)$ पर चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ का परिमाण है :
दो कुण्डली $1$ व $2$ समान तार से बनी है। पहली की त्रिज्या दूसरी से दोगुनी है। कितना विभव दोनों पर लगाया जाए कि दोनों के केन्द्रों पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता समान हो?
दो पतले सर्व समरूपी चालकीय तार बहुत पतले रोधी पदार्थ से ढ़के हुए हैं। एक तार को मोड़कर एक लूप बनाया जाता है जो कि अपने केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B _{1}$ उत्पत्र करता है जब इसमें धारा $I$ प्रवाहित होती है। दूसरे तार को तीन सर्वसमरूपी लूपों में मोड़कर और एक साथ रखकर कुण्डली बनाते हैं जो कि लूपों के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B _{2}$ उत्पत्र करता है जब इसमें धारा $I / 3$ प्रवाहित होती है। अनुपात $B _{1}: B _{2}$ है
एक $R$ त्रिज्या के वृत्त की चाप केन्द्र पर $\frac{\pi }{2}$ कोण बनाती है। इसमें $I$ धारा बह रही है। केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा
चित्र मे दिखाये गये चार अनंत लम्बाई के धारावाही तारो के द्वारा मूलबिंदु पर परिणामी चुम्ब्कीय क्षेत्र क्या होगा जबकि प्रत्येक तार के द्वारा मूलबिंदु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र है