समुद्र तल पर वायुदाबमापी में पारे की ऊँचाई $75 cm $ है व किसी पहाड़ी के शिखर पर $50 cm$ है। पारे व वायु के घनत्वों का अनुपात ${10^4}$है, तो पहाड़ी की ऊँचाई ........ $km$ होगी
$25$
$2.5 $
$1.25$
$75$
दो पात्रों के आधारों के क्षेत्रफल समान हैं परंतु आकृतियाँ भिन्न-भिन्न हैं । पहले पात्र में दूसरे पात्र की अपेक्षा किसी ऊँचाई तक भरने पर दो गुना जल आता है । क्या दोनों प्रकरणों में पात्रों के आधारों पर आरोपित बल समान हैं। यदि ऐसा है तो भार मापने की मशीन पर रखे एक ही ऊँचाई तक जल से भरे दोनों पात्रों के पाठ्यांक भिन्न-भिन्न क्यों होते हैं ?
उगले प्रश्न की समस्या में, $U-$ नली की दोनों भुजाओं में इन्हीं दोनों द्रवों को और उड़ेल कर दोनों द्रवों के स्तंभों की ऊँचाई $15 \,cm$ और बढ़ा दी जाएँ, तो दोनों भुजाओं में पारे के स्तरों में क्या अंतर होगा । ( पारे का आपेक्षिक घनत्व $=13.6$ ) ।
चित्र $(a)$ में दर्शाए अनुसार कोई मैनोमीटर किसी बर्तन में भरी गैस के दाब का पाठ्यांक लेता है । पंप द्वारा कुछ गैस बाहर निकालने के पश्चात् मैनोमीटर चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार पाठ्यांक लेता है । मैनोमीटर में पारा भरा है तथा वायुमंडलीय दाब का मान $76 \,cm$ $(Hg)$ है ।
$(i)$ प्रकरणों $(a)$ तथा $(b)$ में बर्तन में भरी गैस के निरपेक्ष दाब तथा प्रमापी दाब $cm ( Hg )$ के मात्रक में लिखिए
$(ii)$ यदि मैनोमीटर की दाहिनी भुजा में $13.6\, cm$ ऊँचाई तक जल ( पारे के साथ अमिश्रणीय ) उड़ेल दिया जाए तो प्रकरण $(b)$ में स्तर में क्या परिवर्तन होगा ? (गैस के आयतन में हुए थोड़े परिवर्तन की उपेक्षा कीजिए ।)
आपस में चित्रानुसार जुड़े दो पात्रों में पारा भरा है। एक पात्र का व्यास दूसरे के व्यास का $n$ गुना है। बांये पात्र में $ h $ ऊँचाई तक जल भरा जाये तो दाँये पात्र में पारे का स्तर कितना ऊँचा हो जाएगा ($s =$ पारे का आपेक्षिक घनत्व,$\rho $= जल का घनत्व)
एक $U-$ नली जिसकी बांयी भुजा के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल दांयी भुजा के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का एक चौथाई है। $ U-$ नली में पारा (घनत्व $13.6 g/cm^3$ )भरा है। पतली नली में पारा नली के ऊपरी सिरे से $36 cm$ नीचे है। दांयी ओर की नली में पारे की ऊँचाई ...... $cm$ बढ़ जाएगी यदि बांयी नली में ऊपरी सिरे तक पानी भर दिया जाए