एक कार को $10$ मी/सै से $20$ मी/सै तक त्वरित करने में दी गयी ऊर्जा, उस ऊर्जा से कितना गुना होगी जो कार को विराम अवस्था से $10$ मी/सै तक त्वरित करने के लिये आवश्यक है
बराबर
चार गुनी
दो गुनी
तीन गुनी
$xy$ तल में गतिशील कण पर बल $\overrightarrow F = \, - \,K(y\hat i + x\hat j)$ (यहाँ $K $ एक धनात्मक नियतांक है) कार्य करता है। मूल बिन्दु से प्रारम्भ करके $x-$ अक्ष के अनुदिश $(a, 0)$ बिन्दु तक तत्पश्चात $y-$ अक्ष के समान्तर बिन्दु $(a, a)$ तक कण को विस्थापित करने में बल $F$ द्वारा किया गया कुल कार्य होगा
एक नियत बल के प्रभाव में गतिशील $m$ द्रव्यमान की वस्तु के द्वारा विराम से गति प्रारम्भ कर $s$ दूरी तय करने में प्राप्त गतिज ऊर्जा समानुपाती होती है
यदि वस्तु का संवेग $0.01\%$ बढ़ा दिया जाये तो इसकी गतिज ऊर्जा बढ़ ........... $\%$ जायेगी
${m_1}$ द्रव्यमान का एक पिण्ड $40$ मी/सै के एक समान वेग से एक ${m_2}$ द्रव्यमान वाले स्थिर पिण्ड से टकराता है। इसके पश्चात् दोनों पिण्ड एकसाथ $30$ मी/सै की अचर चाल से चलते हैंं। इनके द्रव्यमानों की निष्पत्ति $({m_1}/{m_2})$ होगी
द्रव्यमान संख्या $A$ के परमाणु के स्थिर नाभिक से एक न्यूट्रॉन वेग $v$ तथा गतिज ऊर्जा $E$ के साथ प्रत्यास्थ प्रत्यक्ष $(Head-on)$ संघट्ट करता है। कुल ऊर्जा का वह भाग जो न्यूट्रॉन में बचा रहेगा