द्रव्यमान संख्या $A$ के परमाणु के स्थिर नाभिक से एक न्यूट्रॉन वेग $v$ तथा गतिज ऊर्जा $E$ के साथ प्रत्यास्थ प्रत्यक्ष $(Head-on)$ संघट्ट करता है। कुल ऊर्जा का वह भाग जो न्यूट्रॉन में बचा रहेगा

  • A

    ${\left( {\frac{{A - 1}}{{A + 1}}} \right)^2}$

  • B

    ${\left( {\frac{{A + 1}}{{A - 1}}} \right)^2}$

  • C

    ${\left( {\frac{{A - 1}}{A}} \right)^2}$

  • D

    ${\left( {\frac{{A + 1}}{A}} \right)^2}$

Similar Questions

यदि वस्तु का संवेग $0.01\%$ बढ़ा दिया जाये तो इसकी गतिज ऊर्जा बढ़ ........... $\%$ जायेगी

$xy$ तल में गतिशील कण पर बल $\overrightarrow F  = \, - \,K(y\hat i + x\hat j)$ (यहाँ $K $ एक धनात्मक नियतांक है)  कार्य करता है। मूल बिन्दु से प्रारम्भ करके $x-$ अक्ष के अनुदिश $(a, 0)$ बिन्दु तक तत्पश्चात $y-$ अक्ष के समान्तर बिन्दु $(a, a)$ तक कण को विस्थापित करने में बल $F$ द्वारा किया गया कुल कार्य होगा         

एक क्रिकेट खिलाड़ी छक्का लगाता है, और गेंद मैदान के बाहर जाकर गिरती है। निम्न में से कौनसा ग्राफ समयान्तराल ${t_1} - {t_2}$ के दौरान गेंद के ऊध्र्वाधर वेग $ v$ में परिवर्तन को दर्शाता है; (जहाँ-${t_1}$ वह समय है जब गेंद बल्ले से टकराती है तथा ${t_2}$ वह समय है जब गेंद जमीन पर आ जाती है)

$m$ द्रव्यमान का एक पिण्ड विराम से ${t_1}$ समय में $v$ वेग प्राप्त कर लेता है। इस पिण्ड पर $t$ समय में किया गया कार्य, समय $t$ के फलन के रुप में होगा

बतलाइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य। अपने उत्तर के लिए कारण भी दीजिए।

$(a)$ किन्हीं दो पिंडों के प्रत्यास्थ संघट्ट में, प्रत्येक पिंड का संवेग व ऊर्जा संरक्षित रहती है।

$(b)$ किसी पिंड पर चाहे कोई भी आंतरिक व बाह्य बल क्यों न लग रहा हो, निकाय की कुल ऊर्जा सर्वदा संरक्षित रहती है।

$(c)$ प्रकृति में प्रत्येक बल के लिए किसी बंद लूप में, किसी पिंड की गति में किया गया कार्य शून्य होता है।

$(d)$ किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट में, किसी निकाय की अंतिम गतिज ऊर्जा, आरंभिक गतिज ऊर्जा से हमेशा कम होती है ।