$9 \times 10^{-13} \mathrm{~cm}$ त्रिज्या के एक परमाणु नाभिक $(\mathrm{z}=50)$ के पृष्ठ पर वैद्युत विभव . . . . . . . . $\times 10^6 \hat{V}$ है।
$10$
$9$
$7$
$8$
$R$ त्रिज्या के वृत्त पर $10$ इलेक्ट्रॉन एक दूसरे से समान दूरी पर स्थित हैं। अनन्त पर $V = 0$ के सापेक्ष केन्द्र $C$ पर विद्युत विभव $V$ व विद्युत क्षेत्र $E$ होंगे
एक $5$ सेमी त्रिज्या के खोखले गोलाकार को $10$ वोल्ट तक आवेशित किया जाता है। गोलाकार के केन्द्र पर विद्युत विभव होगा
एक बिन्दु आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विभव का मान होगा
दो समअक्षीय पतले तार के छल्ले, जिनमें से प्रत्येक की त्रिज्या $'a'$ तथा आवेश क्रमश: $+Q$ और-Q है, $'s'$ दूरी पर रखे है। दोनों छल्ले के केन्द्रों के बीच विभवान्तर है।
यदि आठ एकसमान आवेशित बूँदों से मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी जाये तो एक छोटी बूँद की तुलना में बड़ी बूँद का विभव होगा