$R$ त्रिज्या के किसी आवेशित चालक गोलीय कोश (खोल) के केन्द्र से $\frac{3 R}{2}$ दूरी पर विधुत क्षेत्र $E$ है। इसके केन्द्र से $\frac{R}{2}$ दूरी पर विधुत क्षेत्र होगा।
$\frac{E}{2}$
$E$
$\frac{E}{3}$
शून्य
कुल आवेश $2 Q$ को त्रिज्या $R$ के गोले में इस प्रकार वितरित करते हैं कि आवेश घनत्व सम्बन्ध $\rho( r )= kr$ से दिया जाता है जहाँ $r$, केन्द्र से दूरी है। दो बराबर $Q$ आवेशों $A$ तथा $B$ को केन्द्र से $a$ दूरी पर व्यासीय विपरीत बिन्दुओं पर रखा गया है। यदि $A$ और $B$ कोई बल अनुभव नहीं करते हैं, तो ?
एक चालक गोले की त्रिज्या $R = 20$ सेमी. है। इसे $Q = 16\,\mu C$ आवेश दिया गया। इसके केन्द्र पर तीव्रता $\overrightarrow E $ है
एक $R$ त्रिज्या का कुचालक गोला एकसमान रूप् से आवेशित है। विद्युत क्षेत्र की तीव्रता केन्द्र से $r$ दूरी पर
प्रति इकाई आवेश $q$ वाले अनन्त लम्बी नली का उसकी अक्ष से $r$ दूरी पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता होती है
यदि पृथक्कृत कुचालक गोले की त्रिज्या $R$ तथा आवेश घनत्व $\rho $ है। गोले के केन्द्र से $r$ दूरी $(r\; < \;R)$ पर विद्युत क्षेत्र होगा