यदि पृथक्कृत कुचालक गोले की त्रिज्या $R$ तथा आवेश घनत्व $\rho $ है। गोले के केन्द्र से $r$ दूरी $(r\; < \;R)$ पर विद्युत क्षेत्र होगा
$\frac{{\rho \,R}}{{3{\varepsilon _0}}}$
$\frac{{\rho \,r}}{{{\varepsilon _0}}}$
$\frac{{\rho \,r}}{{3{\varepsilon _0}}}$
$\frac{{3\rho \,R}}{{{\varepsilon _0}}}$
एक अनन्त लम्बा रैखिक आवेश $2\,cm$ की दूरी पर $7.182 \times {10^8}\,N/C$ का विद्युत क्षेत्र उत्पन कर रहा है। रेखीय आवेश घनत्व होगा
एकसमान आवेश से आवेशित दो समान्तर प्लेटों के पृष्ठीय आवेश घनत्व समान $(\sigma )$ हैं। प्लेटों के बीच में विद्युत क्षेत्र होगा
दो अनंत लम्बाई की समानान्तर चालक पट्टिकायें (प्लेट्स) जिनके सतही आवेश घनत्व क्रमश : $ + \sigma $ और $ - \sigma $ हैं, एक थोड़ी दूरी के अंतराल पर रखी हैं। इन पट्टिकाओं के बीच का माध्यम निर्वात है। अगर निर्वात का परावैद्युतांक ${\varepsilon _0}$ है, तो पट्टिकाओं के बीच विद्युत क्षेत्र का मान है
चित्र में, धनात्मक आवेश की एक बहुत बड़ी समतल शीट दर्शायी गयी है। आवेश वितरण से $l$ व $2 l$ दूरी पर दो बिन्दु $P _1$ व $P _2$ है। यदि $\sigma$ पृप्ठ आवेश घनत्व है, तब $P _1$ व $P _2$ पर विद्युत क्षेत्र $E _1$ व $E _2$ के परिमाण क्रमश: है।
किसी खोखले आवेशित चालक में उसके पृष्ठ पर कोई छिद्र बनाया गया है। यह दर्शाइए कि छिद्र में विध्यूत क्षेत्र $\left(\sigma / 2 \varepsilon_{0}\right) \hat{ n }$ है, जहाँ $\hat{ n }$ अभिलंबवत दिशा में बहिर्मुखी एकांक सदिश है तथा $\sigma$ छिद्र के निकट पृष्ठीय आवेश घनत्व है