यदि किसी सरल लोलक के गोलक को चुम्बक के द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाये तथा दोलनों को चुम्बक की लम्बाई  के अनुदिश रखा जाये एवं एक ताम्र कुण्डली को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाये कि चुम्बक का एक ध्रुव कुण्डली में अंदर बाहर हो। यदि कुण्डली को लघुपथित कर दिया जाये तो क्या होगा

  • A

    आवर्तकाल कम हो जायेगा

  • B

    आवर्तकाल नहीं बदलेगा

  • C

    दोलन अवमंदित होंगे

  • D

    आयाम बढ़ जायेगा

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किसी चुम्बक की लम्बाई इसकी मोटाई एवं चौड़ाई की तुलना में बहुत अधिक है। दोलन चुम्बकत्वमापी में इस चुम्बक के दोलन का दोलनकाल $2 \,s $ है। इस चुम्बक को लम्बाई के अनुदिश तीन बराबर टुकड़ों में तोड़कर तीनों टुकड़ों को एक के ऊपर एक इस प्रकार रखते हैं कि उनके सजातीय ध्रुव साथ-साथ हो। इस संयोजन का दोलनकाल होगा

  • [AIEEE 2004]

चुम्बकीय याम्योत्तर में क्षैतिज रूप से लटकी छड़ चुम्बक के दोलनों का आवर्तकाल $T_0$ है यदि इस चुम्बक को एक अन्य समान आकार, समान ध्रुव सामथ्र्य लेकिन, दोगुने द्रव्यमान वाले चुम्बक से बदल दिया जाये तो नया आवर्तकाल होगा

एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में  $25$ फेरे हैं, तथा इसकी त्रिज्या $ 15 \,cm$  है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $3 × 10^{-5}$ $T$ है। धारामापी में ${45^o}$ का विक्षेप उत्पन्न  करने के लिए आवश्यक धारा .....$A$ होगी

एक दोलन चुम्बकत्वमापी में किसी चुम्बक का दोलनकाल $1.5 $ सैकण्ड है । उसी आकार, आकृति व द्रव्यमान के दूसरे समान चुम्बक, जिसका चुम्बकीय आघूर्ण का मान पहले चुम्बक के मान का एक-चौथाई  है, का उसी स्थान पर दोलनकाल ..... सैकण्ड होगा

दोलन चुम्बकत्वमापी में चुम्बक का आवर्तकाल अनंत होगा