यदि सूर्य के परित: वृतीय कक्ष में घूमते हुए द्रव्यमान $m$ के एक ग्रह का, सूर्य के केंद्र के सापेक्ष, कोणीय संवेग $L$ है, तो इसकी क्षेत्रीय गति होगी :
$\frac{L}{m}$
$\frac{4L}{m}$
$\frac{L}{2m}$
$\frac{2L}{m}$
वृहस्पति की कक्षीय चाल है
सूर्य के परित: ग्रह $A$ का परिक्रमण काल, ग्रह $B$ की तुलना में $8$ गुना है। $A$ की सूर्य से दूरी, $B$ की सूर्य से दूरी की कितने गुना होगी
पृथ्वी के एक उपग्रह का परिक्रमण काल $5$ घण्टे है। यदि पृथ्वी तथा उपग्रह के बीच की दूरी प्रारम्भिक दूरी की चार गुनी कर दी जाये, तो नया परिक्रमण काल हो ........ घण्टे जायेगा
कोई भू-स्थायी उपग्रह पृथ्वी की सतह से $5\, R$ की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। यहाँ $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है। पृथ्वी की सतह से $2 \,R$ की ऊँचाई पर परिक्रमा कर रहे दूसरे उपग्रह का आवर्त काल घंटा में होगा
दो ग्रहों की सूर्य से दूरियों का अनुपात $1.38$ है। सूर्य के चारों ओर उनके परिक्रमण कालों का अनुपात होगा