एक कण नियत चाल $v$ से $R$ त्रिज्या के वृत्त में गति कर रहा है, यदि त्रिज्या को दोगुना कर दिया जाये, तब चाल वही बनाये रखने के लिये आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल होगा
दोगुना
आधा
चार गुना
अपरिवर्तित
एक साइकिल चालक किसी मोड़ पर साइकिल मोड़ते समय भीतर की ओर झुकता है परन्तु उसी मोड़ पर जब एक मोटर-कार चलती है, तो इसमें बैठा यात्री बाहर की ओर झुकता है। इसका कारण है
$2 \,kg$ द्रव्यमान के एक पिंड को एक रस्सी की सहायता से क्षैतिज वृत्त में $5$ परिक्रमण प्रति मिनट की प्रारम्भिक चाल से घुमाया जाता है। वृत्त की त्रिज्या को स्थिर रखते हुए रस्सी पर तनाव दोगुना कर दिया जाता है। अब पिण्ड की चाल लगभग ........ परिक्रमण प्रति मिनट होगी
एक कार उच्च गति से जब एक मोड़ पर मुड़ती है, तो इस पर बाहर की ओर एक बल कार्य करता है। इसका कारण है
$150$ मीटर त्रिज्या तथा $0.6$ घर्षण गुणांक वाले वक्राकार मार्ग को पार करते समय एक कार ड्रायवर को किस अधिकतम चाल (मीटर/सैकण्ड में) से कार को चलाना चाहिए जिससे कि वह फिसले नहीं
$16 \,kg$ द्रव्यमान का एक पिण्ड, $144$ मीटर लम्बी डोरी से बांधकर क्षैतिज वृत्त में घुमाया जा रहा है। डोरी अधिकतम $16$ न्यूटन का तनाव सहन कर सकती है, वह अधिकतम वेग ....... $ms^{-1}$ होगा कि जिससे घुमाने पर रस्सी न टूटे