एक वृत्ताकार कुण्डली के अक्ष पर स्थित दो बिन्दुओं, जिनकी इसके केन्द्र से दूरियाँ $0.05$ मीटर एवं $0.02$ मीटर है, पर चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात $8 : 1$ है। कुण्डली की त्रिज्या ...... मीटर है
$1.0$
$0.1$
$0.15$
$0.2$
एक हेल्महोल्ज (Helmholtz) कुंडली में $N$ फेरों एवं $R$ त्रिज्या वाले दो पाश हैं (चित्र देखें)। उनको $R$ दूरी पर समाक्षीय रूप में रखा गया है और उनमें समान विघुत धारा $I$ एक ही दिशा में बहती है। केन्द्रों $A$ एवं $C$ के मध्य बिंदु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण होगा
एक $q$ आवेश, $r$ मीटर की त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर $n$ चक्कर प्रति सेकण्ड की चाल से गति करता है, तो वृत्त के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा
व्यास $2 a$ के एक बेलन में, त्रिज्या $a$ का एक खोखला बेलनीय -कोश है (चित्र देखिये) और दोनों अपरिमित लम्बे हैं। इनकी लम्बाई की दिशा में इनके एक समान धारा-घनत्व $J$ है। यदि बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $\frac{N}{12} \mu_0 a J$ है, तब $N$ का मान क्या है ?
एक वृत्तीय कुण्डली जिसकी त्रिज्या $0.1\, m$ है तथा इसमें फेरों की संख्या $1000$ है। यदि कुण्डली में $0.1\, A$ की धारा बह रही है तो कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा
त्रिज्या $R$ के अर्द्ध - वृत्तीय वलय के आकार का प्रतिच्छेद वाले एक अनन्त लम्बे तार में धारा $I$ प्रवाहित हो रही है। इसकी अक्ष पर चुम्बकीय प्रेरण का परिमाण है: