किसी वृत्ताकार कुण्डली के अक्ष पर इसके केन्द्र से $0.05\, m$ और $0.2 \,m$ की दूरी पर स्थित दो बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात $8: 1$ है। इस कुण्डली की त्रिज्या $.....\,m$ है।
$0.2$
$0.1$
$0.15$
$1.0$
दो बहुत लम्बे, सीधे तथा विधुत रोधी तारों को एक दूसरे से $90^{\circ}$ कोण पर चित्रानुसार $x y$-समतल में रखा है। तारों में एकसमान धारा I, चित्र में दिखायी दिशा में, बह रही है। बिन्दु $P$ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा :
निम्न चित्र में तार का बना हुआ एक वर्गाकार लूप $ ABCD$ दिखाया गया है। जिसके प्रत्येक भुजा की लम्बाई $a$ है। भाग $ABC$ का प्रतिरोध $r$ तथा भाग $ADC$ का प्रतिरोध $2r$ है। केन्द्र $O$ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा
एक रोलैंड रिंग की औसत त्रिज्या $15 \,cm$ है और इसमें $800$ आपेक्षिक चुंबकशीलता के लौह चुंबकीय क्रोड पर $3500$ फेरे लिपटे हुए हैं। $1.2 \,A$ की चुंबककारी धारा के कारण इसके क्रोड में कितना चुंबकीय क्षेत्र $(B)$ होगा?
किसी वृत्त के चाप के रूप में मुड़े एक तार $A$ में $2\, A$ धारा प्रवाहित हो रही है तथा त्रिज्या $2 \,cm$ है जबकि वृत्त के चाप के रूप में मुड़े एक अन्य तार $B$ में $3\, A$ धारा प्रवाहित हो रही है तथा त्रिज्या $4 \,cm$ है। ये चित्रानुसार रखे हुए है। उभयनिष्ठ केन्द्र $O$ पर तार $A$ व $B$ के कारण चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात होगा।