$N$ घेरों वाली एक कुण्डली को एक स्पाइरल के रूप में कसकर इस प्रकार लपेटा जाता है कि आन्तरिक तथा बाह्य त्रिज्यायें क्रमशः $a$ तथा $b$ है। कुण्डली से धारा $I$ प्रवाहित करने पर केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा।

  • [JEE MAIN 2021]
  • A
    $\frac{\mu_{0} I N}{2(b-a)} \log _{e}\left(\frac{b}{a}\right)$
  • B
    $\frac{\mu_{0} I}{8}\left[\frac{a+b}{a-b}\right]$
  • C
    $\frac{\mu_{0} I}{4(a-b)}\left[\frac{1}{a}-\frac{1}{b}\right]$
  • D
    $\frac{\mu_{0} I}{8}\left(\frac{a-b}{a+b}\right)$

Similar Questions

चिन्न में दशाए अनुसार किसी सीधे तार जिसमें $12 \,A$ विध्युत धारा प्रवाहित हो रही है, को $2.0 \,cm$ त्रिज्या के अर्धवृताकार चाप में मोड़ा गया है। इस चाप के केंद्र पर चंबकीय क्षेत्र $B$ को मानें।

$(a)$ सीधे खंडों के कारण चुंबकीय क्षेत्र कितना है?

$(b)$ किस रूप में अर्धवृत द्वारा $B$ को दिया गया योगदान  वृताकार पाश के योगदान से भिन्न है और किस रूप में ये एक दूसरे के समान हैं।

$(c)$ क्या आपके उत्तर में कोई परिवर्तन होगा यदि तार को उसी त्रिज्या के अर्धवृत्त में पहले की तुलना में चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार उलटी दिशा में मोड़ दें।

चित्र मे दिखाये गये चार अनंत लम्बाई के धारावाही तारो के द्वारा मूलबिंदु पर परिणामी चुम्ब्कीय क्षेत्र क्या होगा जबकि प्रत्येक तार के द्वारा मूलबिंदु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र है

दो अनन्त लम्बाई के समरूप तारों को $90^{\circ}$ से मोड़कर चित्रानुसार इस तरह रखा है कि उनके $LP$ तथा $QM$ भाग $x$-अक्ष पर हैं तथा $PS$ व $QN$ भाग $y$-अक्ष के समान्तर हैं। यदि $OP = OQ =4 \,cm , O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $10^{-4} T$ है तथा दोनों तारों में बराबर धारा (चित्रानुसार) बह रही है तो प्रत्येक तार में धारा का मान तथा बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा होगी:$\left(\mu_{0}=4 \pi \times 10^{-7} \,NA ^{-2}\right)$

  • [JEE MAIN 2019]

एक सर्पिलाकार कुण्डली में $N$ लपेटे हैं तथा आन्तरिक व बाह्य त्रिज्याएँ क्रमश: $a$ तथा $b$ हैं। जब कुण्डली में से $I$ धारा प्रवाहित की जाती है तब इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र है

  • [IIT 2001]

त्रिज्या $R$ की एक अचालकीय चकती के पृष्ठ पर आवेश $Q$ को एकसमान रूप से वितरित किया गया है। चकती कोणीय वेग $\omega$ से अपने केन्द्र से गुजर रही है और तल के लम्बवत् अक्ष पर घूर्णन कर रही है। इस घूर्णन के फलस्वरूप चकती के केन्ट्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का प्रेरण $B$ प्राप्त होता हैं यदि हम चकती पर रखे गये आवेश की मात्रा और इसके कोणीय वेग को नियत रखें और चकती की त्रिज्या में परिवर्तन करें, तब चकती के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण का परिवर्तन निम्न चित्र द्वारा दर्शाया जाएगा

  • [AIEEE 2012]