माना धनात्मक पदों की एक गुणोत्तर श्रेढ़ी का $n$ वां पद $a _{ n }$ है। यदि $\sum_{n=1}^{100} a_{2 n+1}=200$ तथा $\sum_{n=1}^{100} a_{2 n}=100$, तो $\sum_{ n =1}^{200} a _{ n }$ बराबर है
$225$
$175$
$300$
$150$
यदि किसी धनात्मक गुणोत्तर श्रेणी का प्रत्येक पद अपने पूर्व के दो पदों के योग के बराबर है, तो श्रेणी का सार्व-अनुपात होगा
यदि किसी अनन्त गुणोत्तर श्रेणी के पदों का योग व इसके पदों के वर्गो का योग $3$ हो, तो प्रथम श्रेणी का सार्व-अनुपात है
यदि किसी गुणोत्तर श्रेणी के प्रथम $3$ पदों का योग तथा प्रथम $6$ पदों के योग का अनुपात $125 : 152$ हो, तो सार्वनिष्पत्ति है
एक गुणोत्तर श्रेढ़ी $(G.P.)$ के तीसरे तथा चौथे पदों का योग $60$ है तथा इसके प्रथम तीन पदों का गुणनफल $1000$ है। यदि इस गुणोत्तर श्रेढ़ी का प्रथम पद धनात्मक है, तो इसका सातवां पद है
यदि किसी गुणोत्तर श्रेणी के पदों का योग $364$, सार्वानुपात $3$ तथा अंतिम पद $243$ है, तो श्रेणी में पदों की संख्या होगी