दो समान ध्रुुव सामथ्र्य के चुम्बकों के विपरीत ध्रुव एक ओर करके दोलन चुम्बकत्वमापी में रखे जाते हैं । यदि दोनों चुम्बकों की लम्बाई भी समान है तो आवर्तकाल होगा
शून्य
$ 1$ सैकण्ड
अनन्त
कोई भी मान
दो लघु चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्ण $ 27 : 8 $ के अनुपात में है, इन्हें जब विक्षेप चुम्बकत्वमापी की विपरीत भुजाओं पर रखते हैं तो कोई विक्षेप प्राप्त नहीं होता है। यदि दुर्बल चुम्बक की विक्षेप चुम्बकत्वमापी के केन्द्र से दूरी $0.12 \,m $ हो तो प्रबल चुम्बक की केन्द्र से ....$m$ दूरी है
किसी लघु चुम्बक की उपस्थिति में एक विक्षेप चुम्बकत्वमापी $\tan A$ स्थिति में $60^o $ का विक्षेप दर्शाता है। यदि चुम्बक की दूरी दो गुनी कर दी जाये तो विक्षेप होगा
समान त्रिज्या की कुण्डलियों वाले दो स्पर्शज्या धारामापी श्रेणीक्रम में जोड़े गये हैं। प्रवाहित धारा उनमें क्रमश: $ 60° $ और $45°$ के विक्षेप उत्पत्र करती है । कुण्डलियों में फेरों की संख्या का अनुपात है
निम्न में कौन सा कथन सत्य नहीं है
दोलन चुम्बकत्वमापी में लटकन तार में ऐंठन निकाल दी जाती है, इससे