स्पर्शज्या धारामापी का प्रयोग किया जाता है
आवेश
कोण
धारा
चुम्बकीय तीव्रता
दोलन चुम्बकत्वमापी में चुम्बक जिस चुम्बकीय क्षेत्र में दोलन करता है, उसे चार गुना करने पर चुम्बक के दोलनों की आवृत्ति हो जायेगी
दोलन चुम्बकत्वमापी में योगांतर विधि में, आवर्तकाल अधिक रहता है, यदि
एक स्पर्शज्या धरामापी में $0.1 \,A$ की धारा $30°$ का विक्षेप देती है तो ${60^o}$ का विक्षेप उत्पन्न करने के लिए आवश्यक धारा .......$A$ है
स्पर्शज्या धारामापी से मापी गई धारा में न्यूनतम त्रुटि होगी जब विक्षेप है लगभग.....$^o$
एक चुम्बक को दोलन चुम्बकत्वमापी में स्वतंत्र रूप से लटकाने पर किसी स्थान $A $ पर प्रति मिनिट $10 $ दोलन करती है तथा अन्य स्थान $B$ पर यह $ 20$ दोलन प्रति मिनिट करती है। यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक स्थान $A $ पर $36 \times {10^{ - 6}}\,T,$ हो तो इसका मान $B$ पर होगा