हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर $0.53\,{\mathop A\limits^o }$ की त्रिज्या में $6.6 \times {10^{15}}$ चक्कर प्रति सैकण्ड लगा रहा है। कक्षा के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान ......$wb/{m^2}$ होगा
$0.125$
$1.25$
$12.5$
$125$
एक निश्चित लम्बाई के तार से एक फेरे वाली एक वृत्ताकार कुण्डली बनाई गई है। इसमें निश्चित धारा प्रवाहित करने पर कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण ${B_1}$ है। तो इसी तार से $3$ फेरे लगाकर बनायी गयी वृत्ताकार कुण्डली के केन्द्र पर उसी धारा द्वारा चुम्बकीय प्रेरण का मान होगा
जब एक धारावाही वृत्तीय कुण्डली में धारा दोगुनी एवं लपेटों की संख्या आधी कर दी जाती है तब केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र पूर्व मान का
$10$ सेमी त्रिज्या की कसकर लिपटी $100$ फेरों वाली एक कुंडली में प्रवाहित धारा $7 \mathrm{~A}$ है। कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण है (दिया है, निर्वात की चुम्बकशीलता $=4 \pi \times 10^{-7}$ $SI$ मात्रक) :
दो बहुत पतले धात्विक तार अक्ष $X$ और $Y$ पर हैं तथा दोनों में बराबर धारा है जैसा यहाँ दिखाया गया है। $AB$ और $CD$ दो रेखाएँ अक्षेां से $45^\circ $ पर हैं तथा अक्षों का मूल बिन्दु $O$ है। चुम्बकीय क्षेत्र, जिस रेखा पर शून्य होगा, वह है
दो पतले सर्व समरूपी चालकीय तार बहुत पतले रोधी पदार्थ से ढ़के हुए हैं। एक तार को मोड़कर एक लूप बनाया जाता है जो कि अपने केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B _{1}$ उत्पत्र करता है जब इसमें धारा $I$ प्रवाहित होती है। दूसरे तार को तीन सर्वसमरूपी लूपों में मोड़कर और एक साथ रखकर कुण्डली बनाते हैं जो कि लूपों के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B _{2}$ उत्पत्र करता है जब इसमें धारा $I / 3$ प्रवाहित होती है। अनुपात $B _{1}: B _{2}$ है