दो पतले सर्व समरूपी चालकीय तार बहुत पतले रोधी पदार्थ से ढ़के हुए हैं। एक तार को मोड़कर एक लूप बनाया जाता है जो कि अपने केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B _{1}$ उत्पत्र करता है जब इसमें धारा $I$ प्रवाहित होती है। दूसरे तार को तीन सर्वसमरूपी लूपों में मोड़कर और एक साथ रखकर कुण्डली बनाते हैं जो कि लूपों के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B _{2}$ उत्पत्र करता है जब इसमें धारा $I / 3$ प्रवाहित होती है। अनुपात $B _{1}: B _{2}$ है
$1:1$
$1:3$
$1:9$
$9:1$
एक रोलैंड रिंग की औसत त्रिज्या $15 \,cm$ है और इसमें $800$ आपेक्षिक चुंबकशीलता के लौह चुंबकीय क्रोड पर $3500$ फेरे लिपटे हुए हैं। $1.2 \,A$ की चुंबककारी धारा के कारण इसके क्रोड में कितना चुंबकीय क्षेत्र $(B)$ होगा?
एक असमांगी चुम्बकीय क्षेत्र जिसकी असमांगता $\Delta r=0.01 \,m$ तक फेली है के प्रभाव मे न्यूट्रॉनों की एक किरण पुंज $r=1 \,m$ त्रिज्या वाली एक वृत्तीय पथमें गति करती है. न्यूट्रोनों की चाल $54 \,m / s$ है. न्यूट्रॉनों के द्रव्यमान और चुम्बकीय आघूर्ण के मान क्रमशः $1.67 \times 10^{-27} \,kg$ और $9.67 \times 10^{-27} \,J / T$ हैं. $\Delta r$ पर चुम्बकीय क्षेत्र के औसत विचलन (variation) का अनुमानित मान ................. $T$ होगा?
एक लम्बे धारावाही चालक तार जिसमें $i$ धारा बह रहीे है से $r$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता $0.4$ टेस्ला है। $2r$ दूरी पर तीव्रता.........टेस्ला होगी
एक वृतीय वलय जिसकी त्रिज्या $r$ है, इसमें धारा $I$ प्रवाहित हो रही है तथा धारा के कारण इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। अक्ष पर केन्द्र से $\frac{ r }{2}$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र है
एक ऊध्र्वाधर तार $Z-X$ तल में है, जिसमें विद्युत धारा $Q$ से $P$ की ओर बह रही है (देखिये चित्र)। धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा मूल बिन्दु $O$ पर होगी