एक निश्चित लम्बाई के तार से एक फेरे वाली एक वृत्ताकार कुण्डली बनाई गई है। इसमें निश्चित धारा प्रवाहित करने पर कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण ${B_1}$ है। तो इसी तार से $3$ फेरे लगाकर बनायी गयी वृत्ताकार कुण्डली के केन्द्र पर उसी धारा द्वारा चुम्बकीय प्रेरण का मान होगा
${B_1}$
$9\,{B_1}$
$3\,{B_1}$
$27\,{B_1}$
$5\, cm$ त्रिज्या एवं $100$ फेरों वाली एक वृत्ताकार कुण्डली में $0.1\,A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र है ($\mu_0$ = $4 \pi ×10^{-5}$ $weber/amp-metre$)
एक सरलरेखीय तार जिसमें $14 \mathrm{~A}$ की धारा प्रवाहित हो रही है, को मोड़कर चित्रानुसार $2.2 \mathrm{~cm}$ त्रिज्या वाला अर्द्धवृत्तीय चाप बनाया गया है। धारा द्वारा चाप के केन्द्र $(\mathrm{O})$ पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र___________$\times10^{-4} \mathrm{~T}$ है।
प्रत्येक $100$ फेरों वाली दो समान वृत्ताकार कुंडलियों $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{Q}$ की एक समान त्रिज्या $\pi$ सेमी. है। $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{R}$ में धारा क्रमशः $1 \mathrm{~A}$ तथा $2 \mathrm{~A}$ है। $\mathrm{P}$ तथा $\mathrm{Q}$ को उभयनिष्ठ केन्द्र के साथ तथा पारस्परिक लम्बवत तलों के साथ रखा गया है। कुंडलियों के केन्द्र पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field induction) $\sqrt{\mathrm{x}} \mathrm{mT}$ है, जहाँ $\mathrm{x}=$. . . . . . . . [दिया है $\mu_0=4 \pi \times 10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ ]
$a$ त्रिज्या की धारावाही वत्तीय कुण्डली के अक्ष पर केन्द्र से $'r'$ दूरी पर तथा उसी कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता से भिन्नात्मक परिवर्तन होता है ( $r\, <\, a$ लीजिये)
एक सीधे तार में $10\, A$ की धारा प्रवाहित हो रही है। इसे $5$ सेमी त्रिज्या वाले अर्धवृत्ताकार चाप में मोड़ दिया गया है। केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण होगा