दो बहुत पतले धात्विक तार अक्ष $X$ और $Y$ पर हैं तथा दोनों में बराबर धारा है जैसा यहाँ दिखाया गया है। $AB$ और $CD$ दो रेखाएँ अक्षेां से $45^\circ $ पर हैं तथा अक्षों का मूल बिन्दु $O$ है। चुम्बकीय क्षेत्र, जिस रेखा पर शून्य होगा, वह है

132-2

  • [AIPMT 1996]
  • A

    $AB$ पर

  • B

    $CD$ पर

  • C

    $AB$ रेखा के केवल $OB$ भाग पर

  • D

    $CD$ रेखा के केवल $OC$ भाग पर

Similar Questions

$10\, cm$ त्रिज्या की $100$ कसकर लपेटे गए फेरों की किसी ऐसी कुंडली पर विचार कीजिए जिससे $1\, A$ विध्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेन्न का परिमाण क्या है?

त्रिज्या $R$ के अर्द्ध - वृत्तीय वलय के आकार का प्रतिच्छेद वाले एक अनन्त लम्बे तार में धारा $I$ प्रवाहित हो रही है। इसकी अक्ष पर चुम्बकीय प्रेरण का परिमाण है:

  • [AIEEE 2011]

दिये गये चित्र में बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी

एक लम्बे धारावाही चालक से $4$ सेमी की दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ${10^{ - 8}}$ टेसला है। उतनी ही धारा से $12$ सेमी की दूरी पर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा

  • [AIPMT 1990]

त्रिज्या $R$ की एक अचालकीय चकती के पृष्ठ पर आवेश $Q$ को एकसमान रूप से वितरित किया गया है। चकती कोणीय वेग $\omega$ से अपने केन्द्र से गुजर रही है और तल के लम्बवत् अक्ष पर घूर्णन कर रही है। इस घूर्णन के फलस्वरूप चकती के केन्ट्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का प्रेरण $B$ प्राप्त होता हैं यदि हम चकती पर रखे गये आवेश की मात्रा और इसके कोणीय वेग को नियत रखें और चकती की त्रिज्या में परिवर्तन करें, तब चकती के केन्द्र पर चुम्बकीय प्रेरण का परिवर्तन निम्न चित्र द्वारा दर्शाया जाएगा

  • [AIEEE 2012]