यदि अनन्त पदों वाली किसी गुणोत्तर श्रेणी का योगफल $9$ तथा प्रथम दो पदों का योगफल $5$ हो, तो सार्वनिष्पति होगी
$1/3$
$3/2$
$3/4$
$2/3$
यदि धनात्मक पदों की एक गुणोत्तर श्रेढ़ी के दूसरे, तीसरे तथा चौथे पदों का योगफल $3$ है तथा इसके छठे, सातवें और आठवें पदों का योगफल $243$ है, तो इस गुणोत्तर श्रेढ़ी के प्रथम $50$ पदों का योगफल है
किसी गुणोत्तर श्रेणी का $5$ वाँ, $8$ वाँ तथा $11$ वाँ पद क्रमशः $p, q$ तथा $s$ हैं तो दिखाइए कि $q^{2}=p s$.
माना $x ^{2}-3 x + p =0$ के मूल $\alpha$ तथा $\beta$ एवं $x ^{2}-6 x + q =0$ के मूल $\gamma$ तथा $\delta$ है। यदि $\alpha, \beta, \gamma, \delta$ गुणोत्तर श्रेढ़ी के रूप में है। तब अनुपात $(2 q+p):(2 q-p)$ होगा
माना ${a_n}$ धनात्मक संख्याओं की गुणोत्तर श्रेणी का $n$ वाँ पद है। माना $\sum\limits_{n = 1}^{100} {{a_{2n}}} = \alpha $ व $\sum\limits_{n = 1}^{100} {{a_{2n - 1}}} = \beta $ इस प्रकार हैं कि $\alpha \ne \beta $, तो सार्वअनुपात है
एक अनन्त गुणोत्तर श्रेणी का योग $\frac{4}{3}$ तथा प्रथम पद $\frac{3}{4}$ है तब सार्व-अनुपात है