यदि पृथ्वी तल से $h$ ऊँचाई पर $‘g’$ के मान में उतना ही परिवर्तन होता है जितना पृथ्वी के भीतर $x$ गहराई पर ($x$ तथा $h << Re$) तब
$x = h$
$x = 2h$
$x = \frac{h}{2}$
$x = {h^2}$
पृथ्वी का द्रव्यमान अपरिवर्तित रहते हुये यदि त्रिज्या $2\% $ कम हो जाए तब, इसकी सतह पर स्थित वस्तु का भार
पृथ्वी को एकसमान द्रव्यमान घनत्व का गोला मानते हुए, यदि किसी पिण्ड का भार धरातल पर $200 \mathrm{~N}$ है, तो धरातल से $d=\frac{R}{2}$ की गहराई पर इसका भार होगा (दिया है, $\mathrm{R}=$ पृथ्वी की त्रिज्या):
एक पिण्ड का पृथ्वी तल पर भार $72\, N$ है। पृथ्वी तल से $\frac{R_e}{2}$ ऊँचाई पर इसका भार....... $N$ है
एक ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण $4$ प्रतिशत यर्थाथता तक पाया जाता है। उस ग्रह पर $m$ द्रव्यमान के सरल लोलक को $T$ आवर्तकाल से दोलन कराने के लिए दी गई ऊर्जा की गणना की जाती है। यदि आवर्तकाल $3$ प्रतिशत यर्थाथता से मापा जाता है, तो ऊर्जा $E$ की यर्थाथता प्रतिशत पायी जाती है।
अंतराष्ट्रीय अन्तरिक्ष केंद्र को एक लगभग चक्राकार कक्ष में परिक्रमा इस प्रकार कराया जाता है कि इसकी माध्य ऊंचाई एवं अधिकतम ऊंचाई क्रमश: $330 \,km$ एवं $410 \,km$ है । यदि इस अन्तरिक्ष केंद्र के एक कमरे में एक अन्तरिक्ष यात्री प्लवन कर रहा है, तो पृथ्वी पर से मापे गए उसके त्वरण का मान क्या होग?