यदि किसी नैनो संधारित्र की धारिता, एक ऐसे मात्रक $u$ में मापी जाय, जो इलेक्ट्रॉन आवेश $e$, बोर-त्रिज्या $a _{0}$, प्लांक स्थिरांक $h$ तथा प्रकाश की चाल $c$ के संयोजन से बना है तो

  • [JEE MAIN 2015]
  • A

    $u\, = \,\frac{{{e^2}h}}{{{a_0}}}$

  • B

    $u\, = \,\frac{{hc}}{{{e^2}{a_0}}}$

  • C

    $u\, = \,\frac{{{e^2}c}}{{h{a_0}}}$

  • D

    $u\, = \,\frac{{{e^2}{a_0}}}{{hc}}$

Similar Questions

ऊष्मा या ऊर्जा का मात्रक कैलोरी है और यह लगभग $4.2\, J$ के बराबर है, जहां $1\, J =1\, kg\, m ^{2} s ^{-2}$ मान लीजिए कि हम मात्रकों की कोई ऐसी प्रणाली उपयोग करते हैं जिससे द्रव्यमान का मात्रक $\alpha\, kg$ के बराबर है, लंबाई का मात्रक $\beta m$ के बराबर है, समय का मात्रक $\gamma s$ के बराबर है । यह प्रदर्शित कीजिए कि नए मात्रकों के पदों में कैलोरी का परिमाण $4.2 \alpha^{-1} \beta^{-2} \gamma^{2}$ है ।

यदि प्रकाश वेग $(c)$, सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक $[G]$, प्लांक नियतांक $[h]$ को मूल मात्रकों की तरह प्रयुक्त किया जाये तब इस नयी पद्धति में समय की विमा होगी

  • [JEE MAIN 2019]

एक दृढ़ घन $A$ का द्रव्यमान $M$ एवं इसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $L$ है, यह एकसमान विमा के, दूसरे कम दृढ़ता गुणांक $(\eta )$ वाले घन $ B$ के ऊपर इस प्रकार से स्थित है कि $A$ का निचला पृष्ठ $B$ के ऊपरी पृष्ठ को पूरी तरह ढ़क लेता है। $B$ की निचली सतह दृढ़ता से क्षैतिज सतह पर स्थित है। एक अल्प परिमाण का बल $F,\,A$ की एक सतह पर लम्बवत् लगाया जाता है। बल को हटाने पर $A$ छोटे दोलन करने लगता है जिसका आवर्तकाल दिया जाता है

  • [IIT 1992]

$[ {\varepsilon _0} ]$ निर्वात की विघुततशीलता की विमा निरूपित करता है। यदि $M =$ द्रव्यमान, $L =$ लम्बाई, $T =$ समय तथा $A =$ विघुत धारा तो निम्न में से काँन सा विमीय सूत्र सही है ?

  • [JEE MAIN 2013]

कोहरे की स्थिति में वह दूरी $d$, जहाँ से सिग्नल स्पष्ट रूप से दिखाई दे, जानने के लिए एक रेलवे इंजीनियर विमीय विश्लेषण का प्रयोग करता है। उसके अनुसार यह दूरी $d$ कोहरे के द्रव्यमान घनत्व $\rho$ सिग्नल के प्रकाश की तीव्रता $S$ (शक्ति/क्षेत्रफल) तथा उसकी आवृत्ति $f$ पर निर्भर है। यदि इंजीनियर $d$ को $S ^{1 / n}$ के समानुपाती पाता है, तब $n$ का मान है :

  • [IIT 2014]