कोहरे की स्थिति में वह दूरी $d$, जहाँ से सिग्नल स्पष्ट रूप से दिखाई दे, जानने के लिए एक रेलवे इंजीनियर विमीय विश्लेषण का प्रयोग करता है। उसके अनुसार यह दूरी $d$ कोहरे के द्रव्यमान घनत्व $\rho$ सिग्नल के प्रकाश की तीव्रता $S$ (शक्ति/क्षेत्रफल) तथा उसकी आवृत्ति $f$ पर निर्भर है। यदि इंजीनियर $d$ को $S ^{1 / n}$ के समानुपाती पाता है, तब $n$ का मान है :
$3$
$4$
$5$
$6$
स्टीफेन-बोल्ट्ज़मैन नियतांक $\sigma$ की विमा को प्लांक स्थिरांक $h$, बोल्ट्ऱ्मैन नियतांक $k_B$ एवं प्रकाश की चाल ' $c$ ' के माध्यम से $\sigma=h^\alpha k_B{ }^\beta c^\gamma$ के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। यहाँ
यदि किसी नैनो संधारित्र की धारिता, एक ऐसे मात्रक $u$ में मापी जाय, जो इलेक्ट्रॉन आवेश $e$, बोर-त्रिज्या $a _{0}$, प्लांक स्थिरांक $h$ तथा प्रकाश की चाल $c$ के संयोजन से बना है तो
पानी में उत्पन्न तरंग की चाल $v=\lambda^a g^b \rho^c$ द्वारा दी गई है, जहाँ $\lambda, g$ एवं $\rho$ क्रमशः तरंग का तरंगदैर्ध्य, गुरुत्वीय त्वरण एवं पानी का घनत्व हैं। $a, b$ एवं $c$ का मान क्रमश: है:
यदि $L,\,\,C$ तथा $R$ क्रमश: प्रेरकत्व, धारिता तथा प्रतिरोध प्रदर्शित करते हैं, तो निम्न में से कौन आवृत्ति की विमायें प्रदर्शित नहीं करेगा
$F=\alpha t^2+\beta t$ द्वारा परिभाषित एक बल दिये गये समय $t$ पर एक कण पर आरोपित होता है। यदि $\alpha$ तथा $\beta$ नियतांक हो तो निम्न में से कौन सा घटक विमाहीन है ?