अलग-अलग अर्धव्यासों के दो गोलों को समान आवेश दिया जाता है। विभव
छोटे गोले पर अधिक होगा
बड़े गोले पर अधिक होगा
दोनों गोलों पर समान होगा
गोलों के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करेंगे
$r$ तथा $R$ त्रिज्या $( > r)$ के दो संकेन्द्रीय एवं खोखले गोलों पर आवेश $Q$ इस प्रकार से वितरित है कि इनके पृष्ठीय आवेश घनत्व समान हैं। इनके उभयनिष्ठ केन्द्र पर विभव होगा
${R_1}$ व ${R_2}$ त्रिज्याओं वाले दो धात्विक गोलों को समान विभव तक आवेशित किया गया है। गोलों पर आवेशों का अनुपात होगा
आवेश $Q,$ एक $L$ लम्बाई की छड़ $AB$ चित्र में दर्शाया गया है, पर समान रूप से वितरित हो जाता है। छड़ के सिरे $A$ से $L$ दूरी पर स्थित बिन्दु $O$ पर विघुत विभव का मान होगा
x-अक्ष पर प्रत्येक बिन्दुओं $x = {x_0},\,x = 3{x_0},\,x = 5{x_0}$.....$\infty$ पर आवेश q रखा है एवं बिन्दुओं $x = 2{x_0},\,x = 4{x_0},x = 6{x_0}$, …$\infty$ पर दूसरा आवेश -q रखा है, यहाँ ${x_0}$ धनात्मक नियतांक है। यदि किसी आवेश $Q$ से $r$ दूरी पर विभव का मान $Q/(4\pi {\varepsilon _0}r)$ हो तो उपरोक्त आवेशों के निकाय के कारण मूल बिन्दु पर विभव होगा
$9.0×{10^{ - 13}}$ सेमी त्रिज्या वाले परमाणवीय नाभिक $(Z = 50)$ की सतह पर विद्युत विभव