यदि किसी आवेशित गोलीय चालक जिसकी त्रिज्या $10\,cm$ है के केन्द्र से $5\,cm$ की दूरी पर विभव $V$ है, तो इसके केन्द्र से $15\,cm$ दूरी पर विभव होगा
$\frac{1}{3}\,V$
$\frac{2}{3}\,V$
$\frac{3}{2}\,V$
$3\,V$
एकसमान बूँदे जिनकी संख्या $125$ है, प्रत्येक को $50$ वोल्ट विभव से आवेशित किया जाता है। अब इन्हें जोड़कर बनी नई बूँद का विभव ......$V$ होगा
$5 \times 10^{-9} \mathrm{C}$ वाले बिंदु आवेश के कारण, बिंदु $'P'$ पर विद्युत विभव $50 \mathrm{~V}$ है। बिंदु 'P' की बिंदु आवेश से दूरी है: ........$cm$
(माना, $\frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}=9 \times 10^{+9} \mathrm{Nm}^2 \mathrm{C}^{-2}$ )
तीन संकेन्द्री धातु कोष $A, B$ तथा $C$ जिनकी त्रिज्यायें क्रमशः $a$, $b$ तथा $c(a< b< c)$ हैं, का पृष्ठ-आवेश-घनत्व क्रमश : $+\sigma$ $-\sigma$ तथा $+\sigma$ है। कोष $B$ का विभव होगा
त्रिज्या $R$ के एक वृत्त की परिधि पर $10$ आवेश ऐसे रखे गये हैं जिससे क्रमागत आवेशों के बीच कोणीय दूरी समान रहें। एकान्तर आवेशों $1,3,5,7,9$ के ऊपर क्रमशः $(+q)$ आवेश और $2 ,4,6,8,10$ के ऊपर क्रमशः $(-q)$ आवेश हैं। वृत्त के केन्द्र पर विभव $(V)$ और विधुत क्षेत्र $( E )$ होगी।
(अनन्त पर $V =0$ लीजिए)
एक समद्विबाहु त्रिभुज के $B$ व $C$ शीर्षों पर $ + \,q$ तथा $ - \,q$ आवेश रखे गये हैं शीर्ष $A$ पर विभव होगा