एक घन के अन्दर $e$ परिमाण के आवेश वाले $8$ द्विध्रुव रखे हैं। घन से निर्गत कुल विद्युत फ्लक्स का मान होगा
$\frac{{8e}}{{{\varepsilon _0}}}$
$\frac{{16e}}{{{\varepsilon _0}}}$
$\frac{e}{{{\varepsilon _0}}}$
शून्य
चार बंद पृष्ठ तथा उनके आवेश विन्यास को निम्न चित्र में दर्शाया गया है।
यदि उनके पृष्ठ से बद्ध वैद्युत फ्लक्स क्रमशः $\Phi_{1}, \Phi_{2^{\prime}} \Phi_{3}$ तथा $\Phi_{4}$ हों तो
चित्र में विध्यूत क्षेत्र अवयव $E_{x}=\alpha x^{1 / 2}, E_{y}=E_{z}=0$ है, जिसमें $\alpha=800 \,N / C m ^{1 / 2}$ है। $(a)$ घन से गुजरने वाला फ्लक्स, तथा $(b)$ घन के भीतर आवेश परिकलित कीजिए। $a=0.1 \,m$ मानिए
गॉस नियम सत्य है यदि किसी आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र दूरी $r$ के साथ निम्न प्रकार परिवर्तित हो
$2.4 \,m$ व्यास के किसी एकसमान आवेशित चालक गोले का पृष्ठीय आवेश छनत्व $80.0 \mu C / m ^{2}$ है।
$(a)$ गोले पर आवेश ज्ञात कीजिए।
$(b)$ गोले के पृष्ठ से निर्गत कुल वैद्युत फ्लक्स क्या है?
$(a)$ स्थिरवैध्यूत क्षेत्र रेखा एक संतत वक्र होती है अर्थात कोई क्षेत्र रेखा एकाएक नह्है टूट सकती। क्यों?
$(b)$ स्पष्ट कीजिए कि दो क्षेत्र रेखाएँ कभी भी एक-दूसरे का प्रतिच्छेदन क्यों नहीं करती?