जल तरंगों का संचरण वेग $v$ उसके तरंगदैध्र्य $\lambda ,$ जल के घनत्व $\rho $ तथा गुरुत्वीय त्वरण $g$ पर निर्भर करता है। विमीय विधि द्वारा इन राशियों में सम्बन्ध होगा
यदि प्रकाश वेग $(c)$, सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक $[G]$, प्लांक नियतांक $[h]$ को मूल मात्रकों की तरह प्रयुक्त किया जाये तब इस नयी पद्धति में समय की विमा होगी
न्यूटन के अनुसार, किसी द्रव की पर्तों के बीच लगने वाला श्यान बल $F = - \eta A\frac{{\Delta v}}{{\Delta z}}$ होता है । जहाँ $A$ द्रव की सतह का क्षेत्रफल, $\Delta v/\Delta z$ वेग प्रवणता और $\eta $ श्यानता गुणांक है तब $\eta $ की विमा होगी
$m$ द्रव्यमान एवं $r$ त्रिज्या की एक गोलीय वस्तु $\eta $ श्यानता के माध्यम में गिर रही है। वह समय जिसमें वस्तु का वेग शून्य से बढ़कर सीमान्त (टर्मिनल) वेग $v$ का $0.63$ गुना हो जाता है, समय नियतांक $\tau $ कहलाता है। विमीय रुप से $\tau $ को किसके द्वारा व्यक्त कर सकते हैं