जल तरंगों का संचरण वेग $v$ उसके तरंगदैध्र्य $\lambda ,$ जल के घनत्व $\rho $ तथा गुरुत्वीय त्वरण $g$ पर निर्भर करता है। विमीय विधि द्वारा इन राशियों में सम्बन्ध होगा
${v^2} \propto \lambda {g^{ - 1}}{\rho ^{ - 1}}$
${v^2} \propto g\lambda \rho $
${v^2} \propto g\lambda $
${v^2} \propto {g^{ - 1}}{\lambda ^{ - 3}}$
सूत्र $X = 3Y{Z^2}$ में $X$ और $Z$ क्रमश: धारिता और चुम्बकीय क्षेत्र की विमायें हैं। $MKSQ$ पद्धति में $Y$ की विमायें हैं
दाब $(P)$, आयतन $(V)$ तथा समय $(T)$ को मूल राशियाँ मानने पर बल का विमीय सूत्र होगा
विभानतार $V$, विधुत धारा $I$, पराविधुतांक $\varepsilon_0$, पारगम्यता $\mu_0$ तथा प्रकाश की चाल $c$ को मिलाकर विमीय रूप से सही विकल्प है (हैं)
$(A)$ $\mu_0 I ^2=\varepsilon_0 V ^2$ $(B)$ $\varepsilon_0 I =\mu_0 V$ $(C)$ $I =\varepsilon_0 cV$ $(D)$ $\mu_0 cI =\varepsilon_0 V$
एक कण का वेग $v$ (सेमी/सैकण्ड) समय $t$ (सैकण्ड में) के पदों में निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया गया है $v = at + \frac{b}{{t + c}}$ $a,\,\,b$ व $c$ की विमायें होंगी