एक त्रिज्या $R_1$ तथा एक समान आवेश घनत्व का गोलाकर आवेश मूल बिन्दु $O$ पर केन्द्रित है। इसमें एक $R_2$ त्रिज्या तथा $P$ पर केन्द्रित एक गोलाकार गुहिका (cavity), जहाँ $O P=a=R_1-R_2$ है, वनाई जाती है। (चित्र देखें)। यदि गुहिका के अन्दर स्थिति $\vec{r}$ पर विधुत क्षेत्र $\overline{ E }(\overrightarrow{ r })$ है, तव सही कथन है (हैं)
$\overline{ E }$ एक समान है, इसका परिमाण $R_2$ पर निर्भर नहीं करता है लेकिन इसकी दिशा $\overrightarrow{ r }$ पर निर्भर करती है।
$\bar{E}$ एक समान है, इसका परिमाण $R_2$ पर निर्भर करता है लेकिन इसकी दिशा $\vec{r}$ पर निर्भर करती है।
$\overline{ E }$ एक समान है, इसका परिमाण $a$ पर निर्भर नहीं करता है लेकिन इसकी दिशा $\overrightarrow{ a }$ पर निर्भर करती है।
$\overline{ E }$ एक समान है, एवं परिमाण तथा दिशा दोनों $\overrightarrow{ a }$ पर निर्भर करते हैं।
निम्न में से कौनसा ग्राफ, $R$ त्रिज्या के खोखले गोलीय चालक के कारण विद्युत क्षेत्र $E$ तथा गोले के केन्द्र से दूरी $r$ में परिवर्तन को दर्शाता है
संलग्न चित्र में दर्शाए गए तीन पराविधुत (dielectric) गोलो पर, जिनकी त्रिज्याऐं क्रमशः $R / 2, R$ तथा $2 R$ है, आवेश $Q, 2 Q$ तथा $4 Q$ क्रमशः समान रूप से वितरित है। यदि बिन्दु $P$, जो प्रत्येक गोले के केन्द्र से $R$ दूरी पर है, पर गोले $1,2$ तथा $3$ के कारण विधुत क्षेत्र का परिमाण क्रमशः $E _1, E _2$ तथा $E _3$ है तब
दो अनन्त लम्बाई के समान्तर तार जिन पर रेखीय आवेश घनत्व क्रमश: ${\lambda _1}$ और ${\lambda _2}$ हैं, $R$ मीटर की दूरी पर रखे हैं। उनमें से किसी एक की एकांक लम्बाई पर बल होगा $\left( {K = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}} \right)$
एक गोलीय सममिति में वितरित आवेश के परिवर्तनशील आवेश घनत्व को निम्न समीकरण द्वारा निरूपित किया गया है।
$\rho(r)=\left\{\begin{array}{ll}\rho_0\left(\frac{3}{4}-\frac{r}{R}\right) & \text { for } r \leq R \\ \text { Zero } & \text { for } r>R\end{array}\right.$
जहाँ, $r ( r < R )$ केन्द्र $O$ से दूरी है, (चित्र में दर्शाये अनुसार) $P$ बिन्दू पर विद्युत क्षेत्र का मान होगा :
एक बिन्दु आवेश $Q$, एक एकसमान रेखीय आवेश घनत्व (Linear charge density) $\lambda$ वाले अनन्त लम्बाई तके तार तथा एक एकसमान पृष्ठ आवेश घनत्व (uniform surface charge density) $\sigma$ वाले अनन्त समतल चादर के कारण $r$ दूरी पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रतायें क्रमश: $E_1(r), E_2(r)$ तथा $E_3(r)$ हैं यदि एक दी गई दूरी $r_0$ पर $E_1\left(r_0\right)=E_2\left(r_0\right)=E_3\left(r_0\right)$ तब