पृथ्वी के परितः घूमने वाले एक सेटेलाइट के आवर्तकाल में आपेक्षिक अनिश्चितता $10^{-2}$ है। यदि कक्षा की त्रिज्या में आपेक्षिक अनिश्चितता नगण्य हो तो पृथ्वी के द्रव्यमान में आपेक्षिक अनिश्चितता होगी
$3\times 10^{-2}$
$10^{-2}$
$2\times 10^{-2}$
$6\times 10^{-2}$
यदि उपग्रह पृथ्वी की ओर खिसक आता है, तो उपग्रह का आवर्तकाल
किसी धूमकेतु की सूर्य से अधिकतम और न्यूनतम दूरियाँ क्रमशः $1.6 \times 10^{12} \,m$ और $8.0 \times 10^{10} \,m$ हैं। यदि धूमकेतु की निकटतम बिन्दु पर चाल $6 \times 10^{4}\, ms ^{-1}$ हो, तो दूरस्थ बिन्दु पर इसकी चाल $.......\,\times 10^{3}\, m / s$ होगी।
दो ग्रहों की सूर्य से दूरियों का अनुपात $1.38$ है। सूर्य के चारों ओर उनके परिक्रमण कालों का अनुपात होगा
केप्लर के तृतीय नियम के अनुसार, सूर्य की परिक्रमा करते हुए किसी ग्रह का परिक्रमण काल $(T)$ सूर्य और उस ग्रह के बीच की औसत दुरी $r$ की तर्तीय घात के समानुपाती होता है।
अर्थात $T^2=K r^3$
जहाँ, $K$ एक स्थिरांक है
यदि सूर्य तथा ग्रह के द्रव्यमान क्रमश: $M$ तथा $m$ है तो न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार इसके बीच गुरुत्वाकर्षण बल का मान $F =G M \frac{m}{r^2}$, होता है। जहाँ $G$ गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है, तो $G$ तथा $K$ के बीच संबंध है
दो आकाशीय पिण्ड ${S_1}$ व ${S_2}$ जो एक दूसरे से अधिक दूर नहीं हैं, निम्न कक्षा में परिक्रमण करते दिखाई देते हैं