एक दोलन चुम्बकत्वमापी छोटी चुम्बक वाले चुम्बकीय याम्योत्तर में रखा है। चुम्बक पृथ्वी के $24$ माइक्रो टेस्ला के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक में, $2$ सेकण्ड के दोलन काल के साथ दोलन करती है I जब धारा वाले तार लगाकर पृथ्वी के क्षेत्र के विपरीत $18$ माइक्रो टेस्ला का एक क्षैतिज क्षेत्र तैयार किया जाता जाता है, तो चुम्बक का नया आवर्तकाल होगा
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एक दोलन चुम्बकत्वमापी में किसी चुम्बक का दोलनकाल $1.5 $ सैकण्ड है । उसी आकार, आकृति व द्रव्यमान के दूसरे समान चुम्बक, जिसका चुम्बकीय आघूर्ण का मान पहले चुम्बक के मान का एक-चौथाई है, का उसी स्थान पर दोलनकाल ..... सैकण्ड होगा
दोलन चुम्बकत्वमापी के द्वारा तुलना करते हैं
एक स्पर्शज्या धारामापी की कुण्डली में $25$ फेरे हैं, तथा इसकी त्रिज्या $ 15 \,cm$ है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $3 × 10^{-5}$ $T$ है। धारामापी में ${45^o}$ का विक्षेप उत्पन्न करने के लिए आवश्यक धारा .....$A$ होगी
कम्पन चुम्बकत्वमापी किस सिद्धांत पर कार्य करता है
क्षैतिज तल में रखे एक छोटे छड़ चुंबक का अक्ष, चुंबकीय उत्तर-दक्षिण दिशा के अनुदिश है। संतुलन बिंदु चुंबक के अक्ष पर, इसके केंद्र से $14 \,cm$ दूर स्थित है। इस स्थान पर पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र $0.36 \,G$ एवं नति कोण शून्य है। चुंबक के अभिलंब समद्विभाजक पर इसके केंद्र से उतनी ही दूर $(14\, cm )$ स्थित किसी बिंदु पर परिणामी चुंबकीय क्षेत्र क्या होगा? चुंबक को $180^{\circ}$ से घुमा दिया जाए तो संतुलन बिंदुओं की नयी स्थिति क्या होगी?