दोलन चुम्बकत्वमापी के द्वारा तुलना करते हैं

  • A

    चुम्बकीय क्षेत्रों की

  • B

    भू-चुम्बकीय क्षेत्र की

  • C

    चुम्बकीय आघूर्ण की

  • D

    उपरोक्त सभी

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समान त्रिज्या की कुण्डलियों वाले दो स्पर्शज्या धारामापी श्रेणीक्रम में जोड़े गये हैं। प्रवाहित धारा उनमें क्रमश: $ 60° $ और $45°$  के विक्षेप उत्पत्र करती है । कुण्डलियों में फेरों की संख्या का अनुपात है

यदि किसी सरल लोलक के गोलक को चुम्बक के द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाये तथा दोलनों को चुम्बक की लम्बाई  के अनुदिश रखा जाये एवं एक ताम्र कुण्डली को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाये कि चुम्बक का एक ध्रुव कुण्डली में अंदर बाहर हो। यदि कुण्डली को लघुपथित कर दिया जाये तो क्या होगा

दो लघु चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्ण $ 27 : 8 $ के अनुपात में है, इन्हें जब विक्षेप चुम्बकत्वमापी की विपरीत भुजाओं पर रखते हैं तो कोई  विक्षेप प्राप्त नहीं होता है। यदि दुर्बल चुम्बक की विक्षेप चुम्बकत्वमापी के केन्द्र से दूरी $0.12 \,m $ हो तो प्रबल चुम्बक की केन्द्र से ....$m$ दूरी है

दो छड़ चुम्बकों की लम्बाई , चौड़ाई  और द्रव्यमान समान हैं परन्तु चुम्बकीय आघूर्ण क्रमश: $M$ और $2M$  हैं । इन्हें योग की स्थिति में दोलन चुम्बकत्वमापी में रखा जाता है तो आवर्तकाल $3$  सैकण्ड प्राप्त होता है । अन्तर की स्थिति में आवर्तकाल होगा

चुम्बक $A$ तथा $B$ ज्यामितीय रूप से समान हैं, किन्तु  $A$ का चुम्बकीय आघूर्ण $B$ के चुम्बकीय आघूर्ण का दुगुना है । यदि दोनों के समान ध्रुव एकसाथ रखे जायें तो दोलनों का आवर्तकाल $T_1$ एवं यदि दोनों के असमान ध्रुव एकसाथ रखे जायें तो दोलनों का आवर्तकाल $T_2$ है, तो $\frac{{{T_1}}}{{{T_2}}}$का मान होगा