एक समान ढाल का बर्तन चित्रानुसार रखा है। बर्तन में कोई द्रव भरा है जिसका घनत्व $ 900 kg/m^3$ है। बर्तन की तली पर द्रव के कारण लगने वाला बल ....... $N$ होगा
$3.6 $
$7.2 $
$9.0 $
$14.4 $
$20 \,cm$ लम्बी एक नली का एक शिरा बन्द है। नली को उर्धार्धर रखते हुए इसके खुले शिरे को पानी में इस तरह डुबाया जाता है कि इस नली का आधा हिस्सा पानी के सतह से ऊपर रहता है। तदुपरांत, नली के अन्दर पानी $h$ ऊँचाई तक चढ़ जाता है (चित्र देखिए) $\mid h$ का मान निम्न से ........... $cm$ निकतम है ? (मान लीजिए कि तापमान में कोई परिवर्तन नहीं होता है, वातावरण का दाब, $P_{\text {atmosphere }}=10^5 \,N / m ^2$, पानी का घनत्व $10^3 \,kg / m ^3$, गुरुत्वीय त्वरण, $g=$ $\left.10 \,m / s ^2 \mid\right)$
एक खुली काँच की नली को पार में इस प्रकार डुबोया जाता है कि पारे के स्तर से $8\, cm$ ऊपर काँच की नली की लम्बाई है। नली के ख़ुले सिरे को अब बन्द कर सील कर दिया जाता है और नली को ऊर्ध्वाधर अतिरिक्त $46\, cm$ से ऊपर उठाया जाता है। नली में पारे के ऊपर वायु स्तम्भ की लम्बाई अब ....$cm$ होगी? (वायुमंडलीय दाब $= Hg$ का $76 \,cm )$
मान लीजिये एक बांध की सीधी दीवार की ऊँचाई $H$ और $L$ है। यह एक $h ( h < H )$ ऊँचाई की झील के पानी को एक सिरे पर रोक कर रखता है। मानें कि जल का घनत्व $\rho_w$ है तथा दीवार के आधार की लम्बाई के अक्ष के परितः आघूर्ण $\tau_1$ है। मान लीजिये कि $h / 2$ ऊँचाई तथा $L / 2$ लम्बाई के पानी के द्वारा आरोपित एक समरूप आघूर्ण $\tau_2$ है। वायुमण्डलीय दाव को नगण्य मानते हुए $\tau_1 / \tau_2$ का मान निम्न है
किसी त्रिभुजाकार पटल का क्षेत्रफल $A$ व ऊँचाई $ h $ है इसे $\rho $ घनत्व के द्रव में ऊध्र्वाधर इस प्रकार डुबोया जाता है कि, आधार द्रव तल पर रहें तो पटल पर उत्प्लावन बल होगा
किसी $U-$ नली की दोनों भुजाओं में भरे जल तथा मेथेलेटिड स्पिरिट को पारा एक-दूसरे से पृथक् करता है । जब जल तथा पारे के स्तंभ क्रमश: $10\, cm$ तथा $12.5\, cm$ ऊँचे हैं, तो दोनों भुजाओं में पारे का स्तर समान है । स्पिरिट का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात कीजिए।