मान लीजिये एक बांध की सीधी दीवार की ऊँचाई $H$ और $L$ है। यह एक $h ( h < H )$ ऊँचाई की झील के पानी को एक सिरे पर रोक कर रखता है। मानें कि जल का घनत्व $\rho_w$ है तथा दीवार के आधार की लम्बाई के अक्ष के परितः आघूर्ण $\tau_1$ है। मान लीजिये कि $h / 2$ ऊँचाई तथा $L / 2$ लम्बाई के पानी के द्वारा आरोपित एक समरूप आघूर्ण $\tau_2$ है। वायुमण्डलीय दाव को नगण्य मानते हुए $\tau_1 / \tau_2$ का मान निम्न है

  • [KVPY 2019]
  • A

    $2$

  • B

    $4$

  • C

    $8$

  • D

    $16$

Similar Questions

जल से भरा बीकर किसी अन्य बड़े पात्र में रखा जाता है व चूषक द्वारा पात्र में निर्वात उत्पन्न किया जाता है, तो बीकर के तल पर दाब

समुद्र तल पर वायुदाबमापी में पारे की ऊँचाई  $75 cm $ है व किसी पहाड़ी के शिखर पर $50 cm$  है। पारे व वायु के घनत्वों का अनुपात ${10^4}$है, तो पहाड़ी की ऊँचाई  ........ $km$ होगी

एकसमान आंतरिक त्रिज्या की ऊध्र्वाधर $U-$ नली की दोनों भुजाओं में पारा भरा है। एक भुजा में ग्लिसरीन (घनत्व $= 1.3 g/cm^3$) $10 cm $ ऊँचाई तक व दूसरी भुजा में तेल (घनत्व $0.8 gm/cm^3$) भरा जाता है ताकि तेल का स्तर ग्लिसरीन स्तर के तुल्य हो जाए तो तेल स्तम्भ की ऊँचाई  ........ $cm$ होगी (पारे का घनत्व $ = 13.6 g/cm^3$)

$500.0 \,m$ की ऊँचाई से पानी एक टर्बाइन शैफट (shaft) पर गिरता है, जो विद्युत पैदा करती है। $1.00 \times 10^9$ बाट्स शक्ति पैदा करने के लिए प्रति सेकंड ............. $m^3$ पानी गिरना चाहिए ? (मान लें कि परिबर्तन दक्षता $50 \%$ है और $g =10 \,m / s ^2$ )

  • [KVPY 2016]

एक वृत्ताकार नली ऊर्ध्वाधर तल में है। दो द्रव, जो एक दूसरे से मिश्रित नहीं होते तथा जिनका घनत्व $d_{1}$ एवं $d_{2}$ हैं, नली में भरे गये हैं। प्रत्येक द्रव केन्द्र पर $90^{\circ}$ का कोण अंतरित करता हैं। उनके अंत: पृष्ठ को जोड़ने वाली त्रिज्या ऊर्ध्वाधर से $\alpha$ कोण बनाती हैं। अनुपात $\frac{d_{1}}{d_{2}}$ है :

  • [JEE MAIN 2014]