एक पतले कागज का प्याला जो कि पानी से भरा है, ज्वाला के ऊपर रखने पर जलता नहीं है, क्योंकि
पानी कागज के प्याले को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक देता है।
पानी ऊष्मा का बहुत अच्छा चालक है।
कागज का प्याला उसमें भरे हुए पानी की तुलना में पर्याप्त मात्रा में गरम नहीं हो पाता है।
कागज ऊष्मा का कुचालक है।
एक ही पदार्थ के बने हुए दो बेलनाकार छड़ों द्वारा ऊष्मा का प्रवाह हो रहा है। छड़ों का व्यास $1 : 2$ के अनुपात में है और उनकी लम्बाई $2 : 1$ के अनुपात में है। यदि दोनों सिरों पर तापान्तर समान है, तब इनमें ऊष्मा प्रवाह की दर होगी
सर्ल विधि द्वारा धातु की ऊष्मा चालकता ज्ञात करने के प्रयोग में छड़ में अनुदिश ताप प्रवणता होती है
लोहे के (ऊष्मा चालकता $0.2 \,CGS$ मात्रक) एक घनाकार टुकडे़ के विपरीत फलक ${100^o}C$ की भाप एवं ${0^o}C$ की बर्फ में रखे गए हैं। यदि घन के फलक का क्षेत्रफल $4$ सेमी$^2$ हो, तो $10$ मिनिट में पिघली हुई बर्फ का द्रव्यमान ..... $gm$ होगा
निम्नलिखित में से किनकी ऊष्मा-चालकता में बायीं से दायीं ओर वृद्धि होती है